केंद्रीय मंत्री रहे स्व रामविलास पासवान के भाई व सांसद पशुपति कुमार पारस के एक बाद एक आए बयानों शुक्रवार को खूब सुर्खियां बटौरी. पशुपति कुमार पारस ने नितीश कुमार की तारीफ करते हुए कहा की उन्होंने बिहार में बहुत अच्छा काम किया हैं. उनके कामकाज़ का तरीका उन्हें बेहद पसंद आता हैं. 2019 मेंं हाजीपुर से सांसद चुने गए पारस के यह शब्द उनके भतीजे चिराग को शायद पसंद नहीं आएंगे, जो की नितीश कुमार के खिलाफ बिहार में अपने प्रत्याशी खड़े कर रहें हैं.
पारस ने कहा की नितीश कुमार ने उनसे वादा किया है की वह उनके स्व भाई राम विलास पासवान को भारत रतन दिए जाने के प्रस्ताव पर केंद्र को चिठ्ठी लिखेंगे. वह जल्द ही इस विषय पर दुबारा नितीश कुमार से मुलाकात करेंगे और राजनीतिक टिप्पणी को लेकर उन्होंने पत्रकारों से 20 अक्टूबर तक इंतजार करने को कहा हैं.
हालाँकि शाम होते होते पारस अपने सभी बयानों से पलट गए और उन्होंने चिराग पासवान के साथ मिलकर एक प्रेस कांफ्रेंस भी की. जिसमे उन्होंने बिहार में आई बाढ़ से लेकर कोरोना के समय राज्य की व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए नितीश कुमार की आलोचना की.
उन्होंने कहा की अस्पतालों की व्यवस्था ऐसी थी की वहां दवाई, डॉक्टर और बेड नहीं थे लेकिन कुत्ते अस्पताल में आराम करते हुए नज़र आ रहे थे. यह टिप्पणी उनके द्वारा उस तस्वीर के बारे में थी जिसमें लॉकडाउन के दौरान कुछ कुत्ते अस्पताल में आराम करते हुए नज़र आ रहे थे.
पारस ने कहा की सुबह मीडिया को जो मैंने बयान था, वह मीडिया ने तोड़-मरोड़ कर पेश किया हैं. हम जानते हैं की हमारी पार्टी नितीश और महागठबंधन के खिलाफ मैदान में उत्तरी हुई हैं. उन्होंने कहा की उन्होंने ऐसा बिलजुल नहीं कहा की राज्य में विकास नितीश कुमार की वजह से हुआ हैं. आपको बता दें की जब नितीश की सरकार महागठबंधन से अलग हुई थी तो पारस को नितीश ने अपने कैबिनेट में जगह दी थी.