हाथरस मामले में ये अंदाजा लगाया जा रहा है की ये सब कुछ जातीय दंगे भड़काने की साजिश है और अब तो ये भी बोला गया है कि ये सारी साजिश विदेशो से की जा रही है और उन्ही से फंडिंग भी की गई है और ये भी बोला जा रहा है कि विदेशो से लगभग 50 करोड़ रुपये की फंडिंग हुई है। अभी अभी ये खबर भी मिली है कि अन्य देशो से भी 100 करोड़ की फंडिंग की गई है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस मामले पर ये बोला है कि अंदाजा लगाया जा रहा है कि एक नई वेबसाइट बनाई गई है जिसमे हाथरस की घटना को बड़ा-चढ़ाकर बताया जा रहा है और अब जल्दी ही प्रवर्तन निदेशालय ही इसकी जाँच करेगी।
योगी आदित्यनाथ ने ये भी बोला कि भी किसी को भी साजिश या षड्यंत्र नहीं रचने देंगे उनको उन्ही के कामो में बिलकुल भी कामयाब नहीं होने देंगे और अब वो ऐसे लोगो पर सख्त से सख्त करवाई भी करेंगे। जो समाज में विद्वेष पैदा करके समाज के विकास को रोकना चाहते है। क्योकि अब यूपी तेजी से आगे बढ़ रही है और यही बात लोगो से हजम नहीं हो रही वो इसलिए ही इस विकास को रोकने के लिए कभी कुछ तो कभी कुछ कर रहे है। जब देश आजाद हुआ था तबसे अबतक सिर्फ दो ही एक्सप्रेसवे बने थे लेकिन अब तीन सालो में तीन और नए एक्सप्रेसवे बन चुके है।
राज्य सरकार ने पहले ही ये दावा किया था कि उनके पास ख़ुफ़िया एजेंसियो के बहुत सारे इनपुट है। जिनसे ये पता चलता है कि जातीय हिंसा भड़काने के लिए बाहर से फंडिंग दी जा रही है या नहीं। इसके बाद ये प्रवर्तन निदेशालय के मामले में भी एक्टिव हुआ था। ईडी धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत प्लेटफार्म कार्ड डॉट कॉम पर ही बनाई गई है इस वेबसाइट पर जस्टिस फॉर हाथरस के खिलाफ मामला भी दर्ज़ कर सकती है। हाथरस कांड के बाद अब जातिगत दंगे भड़काने के लिए और भी फंडिंग की थी जो 100 करोड़ से भी ज्यादा रुपये की थी। फ़िलहाल इस मामले की जाँच के लिए हाथरस में एक और केस दर्ज़ किया गया है।