पूर्व सेना प्रमुख जेजे सिंह: मनमोहन सरकार सियाचिन से सेना हटाकर करना चाहती ये ऐसा काम, पीओके …

मनमोहन सिंह जोकि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री थे उन्होंने विश्व के सबसे ऊँचे सामरिक क्षेत्र सियाचिन को लेकर पाकिस्तान के साथ सेना हटाने के लिए समझौता किया था। जेजे सिंह जोकि पूर्व सेना के प्रमुख है उन्होंने खुलासा किया है उन्होंने बताया है कि हमारे पूर्व मंत्री मनमोहन सिंह ने अगुवाई वाली UPA सरकार पर ‘समझौता’ करने के लिए अमेरिका का दबाव था।

यूपीए सरकार ने इस मामले को लेकर भारत के अधिकारिओ को साथ लेकर पाकिस्तान के साथ बात करने का सोचा था। पूर्व सेना प्रमुख जेजे ने रिपब्लिक चैनल पर इसको लेके बताया था कि भारतीय सेना इस को लेकर खुश नहीं है! और इसके साथ साथ नई दिल्ली में इसके बारे खूब चर्चा चल रही थी।

राहुल गाँधी के दिए गए बयान से मामला फिर चर्चा में आ रहा है जैसे प्रधान मंत्री नरेंदर मोदी नेलद्दाख क्षेत्र में गलवान घाटी में चीन की सेना के सामने ‘समर्पण’ कर रहे है! और इस बात को लेकर राहुल गाँधी नरेंदर मोदी को सरेंडर मोदी तक कहते नजर आ रहे है! उसी तरह कांग्रेस की सर्कार में भारत के लिए सामरिक उद्देश्य से महत्वपूर्ण सियाचीन ग्लेशियर को पाकिस्तान के साथ समझौता किया था।

गलवान घाटी की बात को लेकर हमारे पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह हमारे प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी पर निशाना साध रहे है! उनका कहना है, कि नरेंदर मोदी को इसके बारे में सोच कर बोलना चाहिए।

जनरल सिंह ने रिपब्लिक टीवी के प्रमुख संपादक अर्नब गोस्वामी से बातचीत में बताया की 2006 में भी अमेरिका ने सियाचिन के मुद्दे से निपटने के लिए डवबाव बनाया था। क्यूंकि उस समय पर अमेरिका पाकिस्तान के ज्यादा करीब था। उनका कहना तह की वो और उनके के साथी जैसे की पूर्व विदेश सचिव श्याम शरण, एनएसए और अन्य शामिल थे, वे सियाचिन को शांति का पहाड़ बनाना चाहते है!

उस समय पर मनमोहन जी के इस फैसले को लेकर सामरिक विषयो के प्रमुख और भातीय सेना इसके विरोध में थी। उनका कहना था इस फैसले पर समझौते से पहले पाकिस्तान शत्रुता ,आतंवादीशिवरो ,और हमलो पर रोक लगाई जाए।

जनरल सिंह ने बताया की सियाचिन का ये गलेशियर आर्कटिक के अलावा सबसे लंबा गलेशियर है! यह गलेशियर 76 किमी लंबा है। और यह गलेशियरइंदिरा कॉल से शुरू होता है और नीचे श्योक नदी में मिलता है। इस गलेशियर का उत्तर और पूर्व पर्वत श्रृंखला से घिरा हुआ है।और पश्चिम में, यह साल्टोरो रिज से घिरा हुआ है, इसका पश्चिमी भाग भारत और पाकिस्तान की सेना को अलग हिस्सों में बाटता है!

यह गलेशियर समुद्र तल से 21,000 फीट ऊपर सियाचिन, दुनिया का सबसे बड़ा पर्वत ग्लेशियर है और इसके साथ साथ यह गलेशियर विश्व का सबसे ऊँचा युद्ध का मैदान भी है!इसमें पाकिस्तान द्वारा बेबुन्याद दावे किये जाते है जिसके चलते यह एक संप्रभु क्षेत्र है

भारत ने ऑपरेशन मेघदूत जोकि 13 अप्रैल 1984 को हुआ था जिसके चलता भारत ने इस गलेशियर पर अपना पूरा अधिकार स्थापित कर लिया था। जिससे पाकिस्तान को बहुत नुकसान हुआ था। 14 अप्रैल को पाकिस्तान के सैन्य प्रवक्ता मेजर जनरल अतहर अब्बास ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ में बताया कि सियाचिन में 1984 से अब तक लगभग 3,000 पाकिस्तानी सैनिक मर चुके है जिसमे से 90 प्रतिशत सैनिको की मौत का कारण मौसम रहा है!

आपकी जानकारी के लिए बता दे की भारत ने इस ग्लेशियर के साथ ही सियारो ला, बिलाफोंड ला और ग्योंग ला सहित ग्लेशियर के पश्चिम में सभी मुख्य दर्रे, सहायक नदियों और ऊँचाइयों पर अपना अधिकार स्थापित कर लिया था।

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