भारत के पूर्व प्रधान मनमोहन सिंह को राजनीति का बड़ा झटका लगा है। ये झटका उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय यानि पीएमओ से लगा दिया गया है। पूर्व प्रधान के तौर पर वे नियमों से इतर जो अपील कर रहे थे, उसको पीएम मोदी ने इस बार नहीं सुना और रीति बदलने वाले नियमों से ही चलने का फैसला ले लिया। आइए जानें कि वह क्या मामला है।
मनमोहन सिंह कर रहे थे ये अपील
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और देश के पूर्व प्रधान मनमोहन सिंह पीएम मोदी से अपील कर रहे थे। उन्होंने अपने स्टाफ में कटौती न करने की अपील की थी। वास्तव में पूर्व प्रधानों को नियम के अनुसार पद छोड़ने के पांच साल तक काउंटर मंत्री स्तर की सुविधाएं मिलती हैं। इन 14 सदस्यों का स्टाफ भी दिया जाता है। हालांकि मनमोहन पांच साल के बाद भी अपना स्टाफ कम न करने की अपील कर रहे थे।
मोदी ने नहीं सुनी अपील, ले लिया फैसला
मनमोहन की अपील को दरकिनार कर मोदी ने बड़ा फैसला ले लिया। उन्होंने मनमोहन के स्टाफ में कटौती कर 14 का स्टाफ सिर्फ 5 तक सीमित कर दिया। नियमों से इतर पहले पूर्व पीएम की सुविधाओं बढ़ा दी गई थीं। हालांकि इस बार ऐसा नहीं किया गया। पीएमओ ने इसकी जानकारी भी मनमोहन को पत्र लिखकर दे दी थी। हालांकि एक बार फिर मनमोहन ने पीएमओ और अमित शाह को चिट्ठी लिखी है।