Train Engine start various keys: ट्रैन के विभिन्न इंजिनों को अलग-अलग तरीकों से स्टार्ट किया जाता है, किसी मे चाभी की जरूरी होती है तो किसी मे नहीं। लेकिन सभी इंजिनों को स्टार्ट करके गति देने के लिए कहीं न कहीं ऐसे किसी चाभी, लीवर या हैंडल की आवश्यकता जरूर होती है जिसको इंजन की बन्द अवस्था मे निकाल कर सुरक्षित जगह पर जिम्मेदार व्यक्ति को उपयुक्त रजिस्टर में समय और स्थान दर्ज करके सौंपना होता है।
Train Engine start various keys –
Train Engine start various keys: जैसे कि स्टेशन या यार्ड में स्टेशन या यार्ड मास्टर, केबिन मैन ; शेड और ड्राइवर लॉबियों में शेड मैन या इंजन टर्नर इत्यादि इन चाभियों को सम्हालते हैं और जरूरतनुसार दूसरे चार्ज लेने वाले ड्राइवर को सौंपते हैं।
Train Engine start various keys: सुरक्षा की दृष्टि से ये सब जरूरी भी है। इसी के अंतर्गत सभी ड्राइवरों को निर्देश भी दिया गया है कि किसी भी कीमत पर वह एक चालू इंजन को अनमैन्ड (बिना किसी जिम्मेदार व्यक्ति के अकेला) नहीं छोड़ेगा, या तो दूसरा ड्राइवर आ के उसे रिलीव (भारमुक्त) करेगा या फिर उचित निर्देश मिलने पर वो इंजन को बंद करके जिम्मेदार व्यक्ति को चाभियाँ सौंपेगा।
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वर्तमान में डीजल और विद्युत के इंजिनों को मुख्यतः दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है, जिसके अंतर्गत पुरानी तकनीक वाले इंजिनों को विद्युत एवं डीजल के कन्वेंशनल (परंपरागत) इंजिनों के तौर पर जाना जाता है और नए विद्युत इंजिनों को 3 फेज इंजन तथा डीजल में एच एच पी लोको या जी एम लोको के तौर पर जाना जाता है। सभी को स्टार्ट करने का तरीका भिन्न है।
Train Engine start various keys: सभी विद्युत इंजिनों को स्टार्ट करने के लिए उसके पैंटोग्राफ को हवा के प्रेशर द्वारा ओवर हेड इक्विपमेंट के कांटेक्ट वायर तक उठा कर फिर मेन सर्किट ब्रेकर को ऑन करना मुख्य काम है, जिसे लोको को एनर्जाइज करना कहते हैं।
Train Engine start various keys: कन्वेंशनल विद्युत इंजिनों WAM4, WAG5, 5A, 5HA, WAG7, WAP1, WAP4 को एनर्जाइज़ करने में पैंटोग्राफ को उठाने एवं गिरने का काम एक चाभी की मदद से किया जाता है जिसे जेड पी टी या पैंटो चाभी कहते हैं। पैंटो उठाने के बाद मेन सर्किट ब्रेकर और अन्य मशीनों को चालू करने के लिए विभिन्न स्विच एक ही बॉक्स पर लगाये गए हैं, जिसे बॉक्स लीवर कहते हैं।
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Train Engine start various keys: इस लीवर बॉक्स को भी एक चाभी की मदद से लॉक या अनलॉक किया जाता है जिसे बी एल चाभी कहते हैं। एक बार बी एल चाभी को लॉक अवस्था मे निकाल लिया जाए तो फिर न तो पैंटो ऊपर जाएगा और न ही कोई स्विच ऑपरेट होगा (नीचे की पंक्ति में लगे हुए लाइट के स्विचो को छोड़कर)
3 फेज विद्युत लोको WAP5, WAP7, WAG9, 9H, 9i में पैंटो के लिए अलग से कोई चाभी नहीं है और न ही इसके स्विच लॉक होते हैं।
Train Engine start various keys: लेकिन यहाँ पर इन सभी चीजों का नियंत्रण जिस कंट्रोल इलेक्ट्रॉनिक्स के द्वारा होता है, उसे चालू करने के लिए एक चाभी की जरूरत होती है। यहां इसी चाभी को बी एल चाभी कहते हैं और लोको एनर्जाइज़ होने के बाद ब्रेक व्यवस्था के लिए एक हैंडल भी लगाना पड़ता है, जिसको लगाए बिना शुरू में ब्रेक रिलीज़ ही नही होंगे, जिसे ए-9 हैंडल के नाम से जाना जाता है।
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डीजल इंजिनों में पहला काम डीजल इंजन को चालू करना होता है, जिसके लिए सामान्यतः दोनों ही प्रकार के, पारंपरिक और एच एच पी लोको, में किसी भी प्रकार की चाभी की आवश्यकता नहीं होती।
लेकिन इन्हें मूव करने और दिशा बदलने के लिए रिवर्सर हैंडल या चाभी की आवश्यकता होती है, जिसे लगाए बिना गति प्रदान करना असंभव है।
पारम्परिक विद्युत इंजिनों में भी ऐसे रिवर्सरों की जरूरत होती है जो कि दिशा बदलने का काम करते हैं और इन्हें लगाए बिना एनर्जाइज़ रहने पर भी इंजन को चलाया नहीं जा सकता।