इस दिवाली पर जान लीजिये कब और कैसे हुई पटाखों की शुरुवात? देखिये सबसे पहले पटाखों के ब्रांड की खुश तस्वीरें !

Diwali fireworks start First happy pictures old brand: दिवाली कहाँ जाता है श्री राम के वनवास से वापस अयोध्या आने की ख़ुशी में मनायी जाती है! ये भी कहाँ जाता है कि लोगो ने दीये जलाकर श्री राम का स्वागत किया था जिसको आज हम दिवाली के रूप में मनाते है! लेकिन ये तो दीये जलाने की बात! आज हम आपको बतायंगे पटाखों की शुरुवात कहा से हुई! पटाखे आज इस खूबसूरत त्यौहार का अभिंग अंग बन गया है! तो आइये जानते है क्या खाश है आज की रिपोर्ट में?

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आतिशबाजी चीन से उत्पन्न हुई

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चीन में पटाखों का आविष्कार किया गया था! एक चीनी शहर में, एक खाना पकाने वाले की एक कहानी प्रचलित है, भोजन में खाना पकाने के दौरान गलती से पोटेशियम नाइट्रेट डाल दिया, जिसने आग का रंग बदल दिया! इसे देखकर, उसकी जिज्ञासा बढ़ गई और फिर पकाने में आग में कोयले और सल्फर का मिश्रण देखा गया! जब मिश्रण आग में फेंक दिया गया था, वहां जोर से आवाज और रंगीन आग उभरी थीं! ऐसा माना जाता है कि यहां से पटाखों की शुरुवात हुई!

शिवकाशी

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पटाखे चीन से उत्पन्न हुए लेकिन भारत में एक ऐसी जगह है जिसे पटाखे शहर भी कहा जाता है! इस शहर का नाम ‘शिवकाशी’ है! शिवकाशी तमिलनाडु के विरुधुनगर जिले में स्थित है! यह शहर अपने पटाखे, मैचबॉक्स और प्रिंटिंग कार्यों के लिए प्रसिद्ध है!

पी. अय्या नादर और उनके भाई शनमुगा नादर

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1923 में, पी. अय्या नादर और उनके भाई शनमुगा नादर एक साथ काम की तलाश में कलकत्ता गए और वहां मैचबॉक्स बनाने के लिए कारखाने में काम किया! कुछ समय बाद, वह अपने शहर शिवकाशी लौट आया और अपना खुद का मैचबॉक्स ऑफिस लगाया!

शुरुवात हुई बीसवीं शताब्दी में

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1940 के दशक में, अंग्रेजों द्वारा विस्फोटक अधिनियम बदल दिया गया और इसका लाभ उठाकर, नादर भाइयों ने आतिशबाजी के कारखाने की नींव रखी! बीसवीं सदी में, पी. अय्या नादर और उनके भाई शनमुगा नादर द्वारा शिवकाशी में फायरक्रैकर्स का पहला कारखाना स्थापित किया गया था!

अनिल नामक ब्रांड

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नादर भाइयों ने दिवाली के साथ फायरक्रैकर्स को जोड़ने की योजना बनाई और अनिल नामक ब्रांड के तहत कई और क्रैकर्स लाए! उनके प्रयास सफल रहे और दिवाली के अवसर पर, लोगों ने फायरक्रैकर्स का उपयोग करना शुरू कर दिया!

स्टैण्डर्ड फायरवर्क्स”

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शिवकाशी में, जिन्होंने आतिशबाजी कारखानों को रखा था, उन्होंने चीन में भी कारखानों की स्थापना शुरू कर दी! 2005 में, भारत के “स्टैण्डर्ड फायरवर्क्स” के एक बहुत बड़े क्रैकर ब्रांड ने चीन में आतिशबाजी कारखानों की स्थापना की है!

तो दोस्तों, ये थी पटाखों की शुरुवात! अब हम आप लोगो से विनती करते पटाखे जलाते समय अपना और अपने बच्चो के प्रति सावधानी रखे!

Source : DuniyaDigest

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