आइये जाने सच्चाई – मोदी सरकार आने के बाद (2015 से 2017 तक) वर्ल्ड बैंक से कर्ज न लेने की झूठी खबर वायरल

World Bank Loan Modi 2015-2017 Truth: आपकी जानकारी के लिए बता दे की 70 साल के इतिहास में केवल 3 साल ऐसे है जब भारत ने वर्ल्ड बैंक सी क़र्ज़ नहीं लिया 2015 , 2016 , 2017 में मोदी की विफलता है या सफलता ! ट्विटर पर @sagrika4india एकाउंट से 1 जून को पोस्ट किया गया! @sagrika4india को ट्विटर पर मोदी सरकार में रेलवे मंत्री पियूष गोयल के आधिकारिक अकाउंट से भी फॉलो किया जाता है !

World Bank Loan Modi 2015-2017 Truth –

आपको बता दे की इसी पोस्ट को राजनीति नाम के फेसबुक पेज से भी 2 जून को शेयर किया गया है ! जिसे 12,000 लोगो ने लाइक और 26,000 से ज्यादा लोगो ने शेयर किया है !

न्यूज़ में गूगल की सहायता से खोज किया और पाया की ये पोस्ट सोशल मिडिया में प्रसारित हो रहा है ! जिसे कई दक्षिणपंथी फेसबुक पेज और पर्सनल आईडी से व्यापक रूप से शेयर किया गया है! सुतींदर छाबरा नाम के एक व्यक्ति ने भी अपनी फेसबुक तिमेलिने पर #ModiFirSe हैशटैग के साथ इसे पोस्ट किया है! छाबरा की इस पोस्ट को 80,000 से भी कयदा लोगो ने शेयर किया है !

https://www.facebook.com/sutinder.chhabra/posts/1698838890205228

I Support Modi Ji and बीजेपी ने भी इसी पोस्ट और हैशटैग के साथ शेयर किया है ! इसे 4500 लाइक 3300 शेयर मिले है ! Zee News Fan group नाम से जाने वाले एक फेसबुक पेज पर भी इस पोस्ट को 2200 से ज्यादा बार शेयर किया जाता है !

क्या यह दावा सही है?

आपकी जानकारी के लिए बता दे विश्व बैंक डेटा के माध्यम से खोजा और 2015 और 2017 के बीच अंतररास्ट्रीय वित्तीय संसथान द्वारा जिस जिस परियोजनाओं में सहायता की गई उसका पता लगाया इसमें पाया की 50 मंज़ूर परियोजनाओं के लिए 96,560 मिलियन अमरीकी डॉलर के ऋण को समय-समय पर भारत के लिए अनुमोदित किया गया है।

उदाहरण के लिए बता दे की 23 जून , 2017 को , अंतरराष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (International Bank for Reconstruction and Development – IBRD) ने 3,188 मिलियन यूएस डॉलर की कौशल विकास योजना – स्किल इंडिया मिशन के लिए 250 मिलियन अमरीकी डालर की हामी भरी ! IBRD विश्व बैंक की विंग है जो माध्यम आय वाले विकासशील देशो को ऋण प्रदान करता है! स्किल इंडिया मिशन 6 साल की परियोजना है जो 31 मार्च 2023 को समाप्त होगी और तभी भारत को विश्व बैंक का ऋण चुकाना होगा !

हाल के दिनों में विश्व बैंक द्वारा अनुमोदित सबसे बड़ा ऋण साल 2015 में 1.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर स्वच्छ भारत के लिए अनुमोदित किया गया था! हालांकि, यह ऋण अभी तक जारी नहीं किया गया है क्योंकि भारत सर्वेक्षण परिणामों के लिए दी गयी समय सीमा से चूक गया है। लेकिन हमारा देश अभी भी ऋण के लिए 0.5% का “प्रतिबद्धता शुल्क” चुका रहा है जबकि ऋण का उपयोग अभी बाकि है। यह कुल 1.87 मिलियन अमेरिकी डॉलर या 12.75 करोड़ रुपये है।

आपकी जानकारी के लिए हाल ही के दिनों में विश्व बैंक द्वारा अनुमोदित सबसे बड़ा ऋण साल 2015 में 1.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर सवच्छ भारत के लिए अनुमोदित किया गया था ! यह ऋण अभी तक जारी नहीं किया गया है ! क्योकि भारत सर्वेक्षण परिणामों के लिए दी गयी समय सीमा से चूक गया है !

आपको बता दे की भारत ने 2015 से 2017 तक विश्व बैंक निकायों IBRD and IDA (अंतर्राष्ट्रीय विकास संघ) द्वारा कई ऋण लिए है

World Bank approved loans to India between 2015 and 2018 | Source: World Bank

इस अवधि के दौरान वित्त पोषित अधिकांश परियोजनाएं अभी भी सक्रिय हैं!

Source: World Bank

2015 – 2018 के बीच, भारत सरकार ने 61 परियोजनाओं के लिए विश्व बैंक से 131,100 मिलियन अमरीकी डॉलर की वित्तीय प्रतिबद्धताओं को स्वीकार किया है ! हलाकि अभी 2018 में छह महीने शेष है यह संख्या बढ़ने की सम्भावना है ! (2015-18) के आंकड़ों की तुलना पिछले चार वर्षों (2011-14) से करने पर, हमें एक प्रकार की समानता मिली है – इस दौरान कुल 66 परियोजनाओं के लिए 132,520 मिलियन अमेरिकी डॉलर का ऋण प्रतिबद्ध था!

World Bank approved loans to India between 2011 and 2014 | Source: World Bank

2016 में विश्व बैंक द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट से पता चला है कि आजादी के बाद अन्य देशों की तुलना में भारत में सबसे ज्यादा ऋण लेनेवाले हैं! इनमें वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान किए गए ऋण शामिल हैं! विश्व बैंक के साथ भारतीय सरकार द्वारा हस्ताक्षरित नवीनतम समझौता प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तहत ग्रामीण सड़क परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर (3,371 करोड़ रुपये) ऋण है! बुनियादी ढांचे की जरूरतों को समझते हुए एक विकासशील देश के रूप में, भारत मुख्य रूप से परिवहन, स्वास्थ्य, शिक्षा, ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित करने वाली विभिन्न विकास परियोजनाओं को वित्त पोषित करने के लिए विश्व बैंक पर निर्भर है! इस प्रकार यह कहना बिलकुल ठीक नहीं है कि भारत ने लगातार तीन वर्षों तक विश्व बैंक से कोई भी ऋण नहीं लिया है!

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