8 historic star campaigner: कर्नाटक के चुनाव प्रचार में कुछ ऐसे प्रचारक भी रहे हैं जो बरसों से अपनी कब्र में दफ्न हैं. या राख बनकर हवा में उड़ गए. कुछेक नाम मुलाहिज़ा फरमाएं चाचा नेहरु, मुहम्मद अली जिन्ना, भगत सिंह, सावरकर. आइए जानते हैं क्या है इन सभी स्टार प्रचारकों का ‘एजेंडा’ और इन सब के बारे में और भी बहुत कुछ, जो कहीं और जानने को नहीं मिलेगा.
8 historic star campaigner
1चाचा नेहरू ने कभी नहीं सोचा होगा कि वो ट्रोल होंगे.
लेकिन हो रहे हैं. उनकी पेज़ थ्री वाली ख़बरें मुखपृष्ठ पर छप रही हैं. चाचा किसी पुराने फैशन की तरह दोबारा ट्रेंड में हैं. चाचा से सवाल पूछे जा रहे हैं. चाचा से उत्तर मांगे जा रहे हैं. मगर लगता है चाचा से हमारा संपर्क टूट गया है. ये लिंक जुड़े न जुड़े आप अपने आधार को बैंक अकाउंट से लिंक ज़रूर करवा दें. और जब तक आने वाले चुनावों में चाचा से पुनः संपर्क स्थापित हो, तब तक हम स्टूडियो में मौज़ूद संबित पात्रा और सीताराम येचुरी से काम चलाते हैं.
2 महाराणा प्रताप इंटरनेट पर एक वर्चुअल युद्ध लड़ रहे हैं.
उन्होंने ‘चेतक ब्रॉडबैंड’ से हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्शन ले लिया है. अबकी वो मुगलों के बदले मुगालतों से लड़ रहे हैं. फेक न्यूज़ की सेना हल्दीघाटी तक पहुंच चुकी है. राजस्थान में चुनाव होने वाले हैं. श्याम नारायण उनका ट्विटर अकाउंट हैंडल कर रहे हैं.
3 शहीद भगत सिंह पेड़ के नीचे बैठ कर फैज़ अहमद पढ़ रहे हैं
ये दाग़ दाग़ उजाला, ये शबगज़ीदा सहर
वो इन्तज़ार था जिस का, ये वो सहर तो न.
4) अकबर के दीन-ए-इलाही के बीटा वर्ज़न में बग था.
लेकिन उसे फिर से लांच करने की सोच रहे हैं. ये वाला वर्ज़न सैमसंग के फ्लैगशिप फ़ोन की तरह ‘गाला इवेंट’ में लांच होगा. साथ ही ट्विटर, एफ. बी. में ‘गाली इवेंट्स’ भी चलता रहेगा. क्यूंकि बेशक अकबर पाठ्यपुस्तकों की किताबों से ‘बड़े बेआबरू’ होकर निकाले जा रहे हैं, लेकिन उनका मानना है कि एक बार नया धर्म बन गया तो सब ठीक हो जाएगा. ‘दीन-ए-इलाही’ से उनके ‘दिन’ फिरेंगे और वे ‘दीन-हीन’ न रहेंगे. शोले फ़िल्म की तरह अबकी ये धर्म माउथ पब्लिसिटी से चलेगा.
5) गांधी जी का अकाउंट तो सालों से हैक हुआ पड़ा है.
पहले कोई मुन्नाभाई नाम का शख्स उनके वेरिफाइड अकाउंट से गांधीगिरी के हैशटैग वाले ट्वीट शेयर करता था. गांधी जी ने इसका कभी कोई विरोध नहीं किया. उनका कहना है यदि कोई तुम्हारा एफ बी अकाउंट हैक करे तो उसे अपने बैंक अकाउंट का नंबर भी दे दो. एक आम आदमी के एफबी एकाउंट में तो फिर भी किसी कैंब्रिज एनेलिटिका का इंटरेस्ट हो सकता है लेकिन उसके बैंक अकाउंट में बैंक के अलावा कोई और इंटरेस्ट नहीं लेता.
6) जिन्ना और जिन्न को लेकर पहले ही कई चुटकुले बनाए जा चुके हैं.
जिस तरह कैल्शियम के बिना हड्डियां कमज़ोर होती हैं, और जिस तरह दीमक से मेज़ कमज़ोर होती हैं, वैसे ही मोटिवेशन के बिना और साम्प्रदायिकता के चलते देश बिना जिन्ना के भी कमज़ोर होने की दिशा में ठीक-ठाक परफोर्म करता आ रहा था. और यूं देश को कमज़ोर करने और तोड़ने में जिन्ना की स्थिति ऐसी हो चली थी जैसी बीजेपी में आडवानी की. लेकिन फिर एक ही पल में वो ‘बीजेपी में आडवानी’ वाली स्थिति से ‘कांग्रेस में एन डी तिवाड़ी’ वाली स्थिति में आ गए हैं.
7) बाबा आंबेडकर को पता ही नहीं चल रहा है
वो आज तक रियल चाणक्य और ‘चाणक्यपुरी’ के सोनू के बीच में अंतर नहीं ढूंढ पाए हैं. उधर ग़ालिब के दीवान में हर रोज़ दो नए शेर जुड़ रहे हैं. जिन्हें अलग करना ऐसा ही है जैसे दिल्ली की हवा से पीएम टू पॉइंट फाइव. नासा और यूनेस्को के बीच फंसे बाबा, लाल-पीले और भगुआ-नीले हुए जा रहे हैं. हाथी चल रहे हैं, और कुत्ते ‘देशभक्ति’ का पाठ पढ़ा रहे हैं. बाबा भी शहीद भगत सिंह के बगल में बैठ के फैज़ पढ़ रहे हैं.
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