supreme court refuses bjp interfere: भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई ने अर्धसैनिक बलों की तैनाती की मांग के साथ शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाते हुए कहा था कि BDO उनके उम्मीदवारों को नामांकन पत्र दाखिल करने से रोक रहे हैं.
supreme court refuses bjp interfere
न्यायाधीश R.K.अग्रवाल और न्यायाधीश अभय मनोहर
Supreme Court ने सोमवार (9 अप्रैल) को पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनावों में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया. न्यायालय ने पंचायत चुनावों के पुनर्निर्धारण और अर्धसैनिक बलों की तैनाती करने की मांग वाली भारतीय जनता पार्टी (BJP) की याचिका खारिज करते हुए यह बात कही. न्यायाधीश R.K.अग्रवाल और न्यायाधीश अभय मनोहर सप्रे की पीठ ने हालांकि असंतुष्ट उम्मीदवारों को राज्य निर्वाचन आयोग का दरवाजा खटखटाने की स्वतंत्रता दे दी.
बीते 5 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में BJP नेता की वकील ऐश्वर्या भाटी ने आरोप लगाया था कि हाल के समय में BJP कार्यकर्ताओं के खिलाफ बड़े पैमाने पर हिंसा की गई. भाटी ने राज्य में 4 अप्रैल को एक दलित नेता की हुई हत्या का भी जिक्र किया था और परेशानी खड़ी करने के लिए TMC की सरकार को जिम्मेदार ठहराया था.
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राजभवन एक राजनीतिक पार्टी की इकाई के रूप में काम कर रहा है: TMC
इससे पहले बीते 4 अप्रैल को TMC ने आरोप लगाया था कि राजभवन ‘‘एक राजनीतिक पार्टी की एक इकाई के रूप में’’ काम कर रहा है. TMC का आरोप था कि विपक्षी उम्मीदवार पश्चिम बंगाल में अगले महीने होने वाले पंचायत चुनावों के लिए नामांकन दाखिल करने से सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ताओं को रोक रहे है.
TMC के महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा था, ‘‘जिस तरह से राज भवन एकतरफा सूचनाओं पर दूसरों के विचारों को ध्यान में रखे बिना एकतरफा ढंग से काम कर रहा है, ऐसा लगता है कि यह एक राजनीतिक दल की इकाई के रूप में काम कर रहा है.’’ हालांकि, राज्यपाल के एन त्रिपाठी ने कहा, ‘‘राज्यपाल राज्य के लोगों का संरक्षक होता है और वह राज्य में घटित चीजों पर संज्ञान ले सकते है.’’
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