टूट गया राहुल गांधी का दिल, लोकसभा चुनाव से पहले लगा झटका..

Rahul gandhi heart break: लोकसभा चुनाव को राहुल गांधी भले ही बड़ी बड़ी बातें करते हुए नजर आते हैं, लेकिन इन दिनों उन्हें बहुत बड़ा झटका लग गया है। जी हां, जिस लाठी के सहारे वो आगामी लोकसभा चुनाव को फतेह करना चाहते है, वो तो अब टूटती हुई नजर आ रही है.

ओहो, आप सोच रहे होंगे कि हम आपको कितना गोल गोल घुमा रहे हैं तो चलिए आपके सारे सवालों का जवाब देंगे, तो ऐसे में आपको हमारे इस report को आख़िरी तक पढ़ना होगा। तो आइए जानते हैं कि हमारे इस report में क्या कुछ खास है.

Rahul gandhi heart break

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 2019 जीतने के लिए कर रहे है कुछ अलग

Rahul gandhi heart break

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 2019 जीतने के लिए जिस हथकंडे को सालो से तैयार कर रहे है, उसी ने राहुल को पीछे छोड़ दिया। बता दें कि रास्ता राहुल ने जरूर दिखाया हो, लेकिन उस पे से ही राहुल ढकेल दिया गया, जिससे राहुल का सबसे बड़ा सपना टूटता हुआ नजर आ रहा है.

राहुल गांधी ने BJP को हराने के लिए जो masterplan बनाया था, शायद वो तो अब हाथ से निकल गया, ऐसे में राहुल को नये सिरे से काम करना पड़ेगा, जिसके लिए अब समय ही नहीं रहा है।

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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ है सब विपक्ष

बताते चले कि राहुल गांधी विपक्ष को एकजुट करके खुद नेता बनना चाहते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं दिखाई दे रहा है, क्योंकि देश मे अब थर्ड मोर्चे की तैयारी हो रही है, ऐसे में क्षेत्रीय दल अपना रुख साफ करते हुए नजर आ रहे हैं, जिससे राहुल का 2019 जीतने का सपना टूटने के कगार पे आ चुका हूं.

दरअसल, केरल के CM ने साफ कर दिया है कि वो राहुल के साथ गठजोड़ करने में कोई दिलचस्पी नहीं रखते हैं। इसके पीछे की उन्होंने बड़ी वजह बताई है, जिसको जानने के बाद आप भी कहेंगे कि 2019 से पहले राहुल को जोर का झटका जोरो से लग गया है।

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राहुल गांधी कर रहे है पार्टिओ को मजबूत

केरल के CM ने कहा कि इस समय लोकल पार्टियां बहुत मजबूत हो चुकी हैं, ऐसे में अब एक नया विकल्प तलाश कर रहे हैं, क्योंकि अब हम एक न्यू राजनीति की शुरुआत करेंगे। गौरतलब है कि ममता बनर्जी third मोर्चे की तैयारी में जुटी हुई हैं, ऐसे में अगर बात बनी तो देश में बीजेपी और कांग्रेस के अलावा तीसरा महागठबंधन भी आम चुनाव लड़ सकती है.

ऐसे में राहुल गांधी का विपक्ष को एकजुट करने का सपना तो जरूर सच होता दिखाई दे रहा है, लेकिन इस सपने में उनको ही दर किनार कर दिया गया है, ऐसे में उनके लिए ये किसी झटके से कम नहीं हो सकता है।

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राहुल गांधी विपक्ष को एकजुट करने में कितना सफल हो पाते है

बहरहाल, राहुल गांधी विपक्ष के सभी पार्टियों को एकजुट करने में कितना सफल हो पाते हैं या फिर विपक्ष उन्हें अपना नेता मानेगा या नहीं, ये तो खैर वक्त ही बताएगा, अभी यहाँ कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।

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