आलोचकों ने विजय देवरकोंडा और अनन्या पांडे की फिल्म ‘लाइगर’ को खारिज कर दिया है। फिल्म को नेगेटिव रिव्यू मिल रहे हैं। इसका असर यह होगा कि भले ही हाइप और प्रमोशन के दम पर फिल्म को अच्छी ओपनिंग मिले, लेकिन वह अपनी लागत वसूल नहीं कर पाएगी। ‘लिगर’ का बजट 125 करोड़ रुपये है, जिसमें से 25 करोड़ रुपये सिर्फ लीड एक्टर विजय देवरकोंडा की फीस है। दर्शकों ने भी फिल्म को अच्छा रिस्पॉन्स नहीं दिया है।
‘लाइगर’ का निर्देशन पुरी जगन्नाथ ने किया है, जिन्हें 23 साल में 3 दर्जन फिल्मों के निर्देशन का अनुभव है। ‘मिर्ची 9’ ने अपने रिव्यू में ‘लाइगर’ को बेहद खराब फिल्म करार दिया है। उन्होंने लिखा कि यह एक ऐसा मौका है, जो पूरी तरह से बर्बाद हो गया। उन्होंने इस फिल्म की कहानी को स्वीकार करने का सारा दोष विजय देवरकोंडा पर मढ़ा है। इसके साथ ही उन्होंने पूर्व अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज माइक टायसन के कैमियो को भी बेकार बताया है। उन्होंने फिल्म को 5 में से 1.75 स्टार दिए।
#Liger Review – Ve…Ve…Very Bad
Mirchi9 Rating: 1.75/5Overall, #Liger is a wasted opportunity, no doubt. And the blame should be entirely taken by the actor for accepting and the director for the story. #MikeTyson regrettably plays a forgettable role. https://t.co/2IGgnnqv6f
— M9 NEWS (@M9News_) August 25, 2022
वहीं फिल्म रिव्यू पीटर ने 5 में से 2 रेटिंग देते हुए ‘लिगर’ के बारे में कहा कि विजय देवरकोंडा को पैन-इंडिया से परिचित कराना सही फिल्म नहीं है। अनन्या पांडे के मुख्य अभिनेत्री के किरदार को बेकार बताते हुए उन्होंने कहा कि फिल्म की कहानी और लेखन भी खराब है। हालांकि, उन्होंने विजय देवरकोंडा की स्क्रीन उपस्थिति को फिल्म के लिए एकमात्र अच्छी बात बताया। उन्होंने म्यूजिक को लाउड बताते हुए लिखा कि इसमें कई बेकार सीन हैं.
Gone case..Not the pan india introduction vijay should get. Other than his screen presence nothing worked,pathetic writing and ananya pandya is a big dud as heroine..too many cringe scenes, so so music overall a bad film. 2/5 #Liger
— Peter Reviews (@urstrulyPeter) August 24, 2022
दक्षिण भारत के फिल्म समीक्षक प्रशांत रंगास्वामी ने लिखा, “माफ़ कीजिए विजय देवरकोंडा, लेकिन आपकी सारी मेहनत कचरे के डब्बे में चली गई। स्क्रीन पर आपका हकलाना रास नहीं आया। बॉलीवुड से दूर रहें और तेलुगु की अच्छी फ़िल्में करें। फिर ये अपने-आप पैन-इंडिया प्रोजेक्ट बन जाएगा।”