आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मुंबई हाई कोर्ट ने 3 दिन तक की सुनवाई के बाद 28 अक्टूबर को आर्यन खान को जमानत दे दी है वहीं अभिनेता शाहरुख खान के बेटे को 2 अक्टूबर को हिरासत में लिया गया था उसके बाद से ही लगातार खबरों का बाजार गर्म था वहीं उनकी जमानत याचिका लगातार खारिज भी हो रही थी और काफी कठिनाइयों के बाद अब 28 अक्टूबर को उनको जमानत मिल गई है!
लेकिन वही जमानत की कॉपी अभी ना मिलने के कारण शुक्रवार या शनिवार को उनको रिहा किया जाएगा लेकिन इसे किस्मत का सहयोग ही कहीं एक ही जिस दिन आर्यन खान को हिरासत में लेने वाले एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े ने अंतरिम राहत के लिए मुंबई हाई कोर्ट तक पहुंचे क्योंकि आर्यन खान के मामले के बाद से ही समीर वानखेड़े पर भी कई प्रकार के आ रोप लगते हैं उन्हीं के चलते उन्हें भी कोर्ट का सामना करना पड़ रहा है वहीं समीर वानखेड़े के पूरे परिवार को भी इस सब में शामिल किया गया है इतना ही नहीं बल्कि उनके धर्म को लेकर बवाल खड़े हो गए बॉलीवुड से जुड़े किसी भी मामले में ऐसा पहली बार देखने को नहीं मिला है अभिनेता सलमान खान के मामले में भी रविंद्र पाटील जोकि हिट एंड रन मामले में सलमान खान के खिलाफ गवाही के बाद अचानक उनके जीवन में काफी मुश्किलें खड़ी हो गई थी और बाद में वह गुमनामी में म र भी गए!
बता दें कि रविंद्र पाटील सलमान खान के बॉडीगार्ड हुआ करते थे अभिनेता सलमान खान के हिट एंड रन मामले में उनके विरुद्ध गवाही देने के बाद उनकी नौकरी तो खत्म ही हो चुकी थी अंत में उनकी साल 2007 में टीवी के कारण मृ त्यु भी हो गई थी रविंद्र पाटील ऐसे पहले गवाह थे जिन्होंने सलमान खान के खिलाफ हिट एंड रन मामले में गवाही दी थी और अब तक उसी बयान पर टिके रहे थे!
वही रविंद्र पाटील ने 1997 में मुंबई पुलिस कांस्टेबल के तौर पर नौकरी करना शुरू किया था उसके बाद वह एलिट कमांडोज कोर्ट में भी चुने गए थे उन्हें सलमान खान की सुरक्षा में लगाया गया था अब उसके पश्चात साल 2002 में हिट एंड रन का मामला सामने आया जिसमें रविंद्र पाटील ने बता दिया कि एक्सीडेंट के दौरान सलमान खान की गाड़ी वह खुद चला रहे थे उन्होंने उस समय शराब पी हुई थी और उनका कहना था कि उन्होंने समझाया कि वह गाड़ी धीरे से चला लेकिन उन्होंने उनकी एक भी नहीं सुनी ऐसे में सलमान खान के खिलाफ अक्टूबर 2002 में बयान देने के बाद बहुत कुछ घट नाएं घटी कभी उनके ऊपर बयान बदलने का दबाव डाला गया तो कभी अचानक से गायब हो गए उन्हें लालच और धम कियां दोनों ही दें!
ऐसा ही कुछ समीर वानखेड़े की तरह रविंद्र पार्टी के परिजनों को भी परेशान किया गया था लेकिन कठिनाई के बाद भी उन्होंने अपने बयान को बिल्कुल भी नहीं बदला था हिट एंड रन के मामले में सबसे अहम गवाह होने के बावजूद साल 2006 में उनकी गिरफ्तारी हो गई नौकरी से भी निकाल दिया केवल 1 साल बाद ही उनकी स्थिति ऐसी हो गई कि वह सड़कों पर पाए गए उनके दोस्तों का उन्हें पहचान पाना भी बहुत मुश्किल काम था वही उनका शरीर भी एकदम कमजोर हो चुका था वजन मुश्किल से 30 किलोग्राम रह गया था दोस्तों से जो थोड़ी बहुत बात हो पा रही थी वह भी बहुत मुश्किल से डॉक्टर ने भी हालात को देखने के बाद यही अंदाजा लगा लिया कि वह कोई भिखारी है पैसे जमा करके इसी तरह अस्पताल आए और अस्पताल में भर्ती होने के कुछ दिन बाद ही उनका निधन हो गया!