कार्तिक मास बहुत ही पवित्र माह है इस माह में एक साथ समस्त देवी देवताओं को प्रसन्न किया जा सकता है। शरद पूर्णिमा के साथ कार्तिक मास का आरंभ हो जाता है , 10 अक्टूबर से यह पावन माह शुरू हो चुका है। कार्तिक मास में हमेशा अच्छे कार्य करने चाहिए।
माना जाता है कि इस महीने पूजा पाठ, यज्ञ, समान दान से मनुष्य के पापों का नाश होता है। इसके साथ ही इस माह में सात्विकता और त्याग करने वाले लोगों को सुख समृद्धि मिलती है। हिंदू कैलेंडर के मुताबिक साल का आठवां महीना कार्तिक माह का होता है। यह महीना हिंदू देवता भगवान विष्णु का सबसे प्रिय महीना माना जाता है।
इस महीने को लेकर हमारे शास्त्रों में भी काफी वर्णन किया गया है। इस महीने में हमें ज्यादा से ज्यादा पूजा पाठ ,अनुष्ठान और दान करना चाहिए। स्कंद पुराण में कहा गया है की माह की अपनी एक अलग विशेषता है और इस माह में शुभ कार्य करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
क्या है वह शुभ कार्य :
आपको बता दें कि भगवान विष्णु जी का आशीर्वाद पाने के लिए कार्तिक माह के महीने से अच्छा और कोई महीना नहीं होता। अगर आप भगवान विष्णु का आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो कार्तिक माह में भगवान विष्णु नदी में निवास करते हैं। ऐसे में कहा जाता है कि ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नदी में स्नान करने से सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है।
लेकिन अगर किसी कारणवश आप नदी का स्नान नदी में स्नान ना कर पाए तो नदी का पानी घर लाकर जल में मिलाकर स्नान करने से भी आपको वही सारे लाभ प्राप्त होते हैं। कार्तिक माह में हर शाम तुलसी के पौधे के पास शुद्ध घी का दीपक जलाना चाहिए। इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं।
कार्तिक माह में कुछ खास बातों पर ध्यान देना चाहिए :
कार्तिक मास में भगवान विष्णु का स्वरूप माने जाने वाले शालिग्राम की भी एक अपनी विशेषता है। शालिग्राम की पूजा करने से भी आप को भगवान विष्णु जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। कार्तिक माह में दान करने से मां लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं और आपके घर में सुख समृद्धि आशीर्वाद देती हैं।
माना जाता है कि कार्तिक मास में हमें ज्यादा से ज्यादा धन का दान करना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार इस माह में क्या-क्या परहेज करना चाहिए। हमारे हिंदू शास्त्र में कार्तिक मास में कुछ चीजों के परहेज के लिए भी बताया गया है अगर आप उन चीजों से परहेज कर लेते हैं। तब भी आपको विष्णु जी र्औके आशीर्वाद और उनकी कृपा का अनुभव होगा।
जानिए क्या है वह परहेज शास्त्रों के अनुसार कार्तिक महीने में तामसिक भोजन से बचना चाहिए। इस महीने में प्याज लहसुन और मांसाहार भूलकर भी नहीं खाना चाहिए। कार्तिक मास में ऐसा करने से मां लक्ष्मी बेहद नाराज होती हैं और ब्रह्मचर्य का पालन भी करना चाहिए कार्तिक माह में अगर हो सके तो पलंग का त्याग कर देना चाहिए और हमें जमीन पर सोना चाहिए जिससे हमें एक अलग ही सुख की अनुभूति मिलती है।