जैसा की आप लोगों को मालूम होगा की सब्जी और तेल ने पहले ही रसोई का बजट बिगड़ा हुआ है और अब इस लिस्ट में डाल भी शामिल हो चुकी है जी हां जुलाई के दौरान देशभर के अधिकतर शहरों में दाल की महंगाई बढ़ती हुई दिखाई दे रही है वही अरहर की दाल की कीमतों में 4 से 12% तक का उछाल देखा जा रहा है और ऐसे में उड़द की दाल का भाव भी 3 से 13 फीसदी तक महंगा हो गया है!
वहीं देश में रिकॉर्ड पैदावार के बावजूद दालों के दाम बढ़ रहे हैं. फसल वर्ष 2021-22 के दौरान, देश ने 277.5 लाख टन दलहन का उत्पादन किया है, जो अब तक का सबसे अधिक उत्पादन है और 2020-21 की तुलना में 2021-22 में लगभग 23 लाख टन अधिक है। इसके अलावा इस साल खरीफ दलहन की खेती भी पिछले साल की तुलना में आगे चल रही है। 22 जुलाई तक खरीफ दलहन की खेती 90 लाख हेक्टेयर से अधिक में दर्ज की गई है।
हालांकि, पिछले कुछ समय से देश से दालों के निर्यात में लगातार वृद्धि हो रही है और यह बढ़ा हुआ निर्यात घरेलू आपूर्ति को सीमित कर रहा है। मार्च में समाप्त हुए वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान देश से रिकॉर्ड 4.1 लाख टन दाल का निर्यात किया गया है। इस साल अप्रैल और मई के दौरान करीब 1.90 लाख टन दालों का निर्यात किया गया है, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 5 गुना अधिक है।