Saif Ali Khan is the owner of 5000 crores property, but even Chavanni will not be able to give it to his children, know the whole thing:बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान पटौदी के नवाब हैं और उन्हें बॉलीवुड का भी नवाब कहा जाता है. रॉयल फैमिली से वे ताल्लुक रखते हैं. एक्टर साल में कई सारी फिल्में और एडवरटाइजमेंट कर के खूब रुपये कमाते हैं मगर उनके पास पूर्वजों की जमीन-जायदाद भी है. रिपोर्ट्स की मानें तो एक्टर के पास हरियाणा स्थित पटौदी पैलेस और भोपाल स्थित पैतृक प्रॉपर्टी को मिला कर 5000 करोड़ की सम्पत्ति है. मगर इसमें चौंकाने वाली बात ये है कि इतनी बड़ी सम्पत्ति के मालिक होने के बाद भी सैफ इसे अपने बच्चों को नहीं दे सकते हैं.
ये एक्ट बीच में बना रोड़ा
दरअसल इसके पीछे की वजह ये है कि सैफ की जितनी भी पैतृक सम्पत्ति है वो भारत सरकार के एनिमी डिस्प्यूट एक्ट के अंतर्गत आती है. इस एक्ट के मुताबिक प्रॉपर्टी पर कोई भी इंसान अपना हक नहीं जमा सकता है और क्लेम नहीं कर सकता है. अगर इसका कोई शख्स विरोध करता है और उसे अपनी प्रॉपर्टी मानता है तो उन्हें हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाना होगा. अगर हाई कोर्ट में भी बात नहीं बनती है तो फिर शख्स सुप्रीम कोर्ट जा सकता है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट में भी अगर बात नहीं बनी तो फिर सिर्फ देश के राष्ट्रपति के पास ही इस पर फैसला सुनाने का अधिकार रहता है.
भोपाल के नवाब थे सैफ के परदादा
इस एक्ट की अहम बातें तो समझा दी है, पर सैफ की कौन सी प्रॉपर्टी इसके दायरे में आती है ये भी बता दें. हरियाणा में पटौदी पैलेस के अलावा भोपाल में भी सैफ की विरासत है. इस प्रॉपर्टी को लेकर बहस है. सैफ अली खान के परदादा हामिदुल्लाह खान ब्रिटिश काल में नवाब थे. मगर उन्होंने अपनी प्रॉपर्टी की कोई वसीयत नहीं बनाई थी. इस वजह से परिवार के बीच में कुछ मनमुटाव है. रिपोर्ट्स की मानें तो पाकिस्तान में रहने वाली सैफ की ग्रैंड आंट की फैमिली से इस मामले में कुछ अनबन है जो प्रॉपर्टी से ही जुड़ी हुई है.
भोपाल के नवाब हामिदुल्ला खान की दो बेटियां थीं- अबीदा सुल्तान और साजिदा सुल्तान. नवाब जिस कानून का अनुसरण करते थे उसके मुताबिक, संपत्ति पर बड़े औलाद का हक होता है इसलिए हमिदुल्ला के बाद अबीदा सुल्तान इस संपत्ति की मालकिन बनीं. पर फिर 1950 में अबीदा सुल्तान पाकिस्तान चली गईं और वहीं बस गईं. हालांकि, नवाब और उनका बाकी परिवार भारत में ही रह गया. नवाब की मौत के बाद साजिदा इस संपत्ति की नई मालकिन बन गईं.
ब्रिटिश शासन के तहत नवाब और सैफ अली खान के परदादा हमीदुल्ला खान ने कभी भी अपनी सभी संपत्तियों के लिए एक वसीयतनामा नहीं बनाया, जिसका मुख्य वजह था परिवार का आतंरिक कलह और आज़ादी के बाद सैफ के कुछ परिवार का पाकिस्तान चले जाना।