बॉलीवुड की सुपरहिट एक्ट्रेस रह चुकी रवीना टंडन हमेशा से अपनी बेबाक राय को लेकर चर्चा में रही हैं। हाल ही में रवीना टंडन ने सोशल मीडिया की वजह से सोसाइटी में आए चेंज पर अपनी राय रखी थी। रवीना ने एक चैट शो के दौरान बताया था कि नब्बे के दशक में सबसे दुखद बात यही थी की उस वक्त सोशल मिडिया नही था. जो बात मैगजीन में छपकर आती थी उसे पर ही लोग यकीन कर लेते थे, किसी के पास अपनी राय को रखने का कोई भी माध्यम नहीं होता था, सभी बस अखबार में लिखी बातों पर यकीन कर लेते थे। अगर नब्बे के दशक में सोशल मिडिया होता तो कई सारे लोग एक्सपोज हो जाते. बॉलीवुड में हो रही कास्टिंग काउच का पर्दाफाश हो जाता।
आप को बता दें कि रवीना टंडन फ़िलहाल फिल्मो एक्टिव नहीं है। लेकिन चैट शो के दौरान बॉलीवुड को एक्सपोज करने के बाद रवीना लाइमलाइट का हिस्सा जरूर बन गयी है। दोस्तों ने कुछ समय पहले यह खुलासा किया था कि बॉलीवुड में नाम कमा लेने के बाद भी उनको काम करने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा। कई बार देखा गया है कि टैलेंटेड एक्ट्रेस की बॉलीवुड में बहुत कम ही जगह होती है. और उन्हें लाइमलाइट में आने का मौका भी कम ही मिल पाता है। 90 के दशक की मशहूर अभिनेत्री रवीना टंडन अपने एक्टिंग के दम पर आज भी लोगों के दिलों पर राज करते हैं। लेकिन इंटरव्यू के दौरान बॉलीवुड एक्ट्रेस रवीना टंडन ने बताया कि उनका बॉलीवुड में कोई भी गॉडफादर नही था,
वो किसी बॉलीवुड आर्म का हिस्सा भी नहीं थी. और ना ही कोई बड़ा सुपरस्टार उन्हें प्रमोट कर रहा था। उन्होंने कभी भी फिल्म में काम करने के लिए अपने हीरो के साथ सोना मंजूर नहीं किया और ना ही बॉलीवुड में उनके बहुत सारे अफैर रहे। रवीना ने आगे बताया कि बहुत बार लोग उन्हें बत्तमीज कहा करते थे क्योंकि एक्ट्रेस रवीना अपने साथ हो रहे गलत काम के खिलाफ आवाज उठा देती थी। आगे रवीना टंडन ने बताया कि उन्होंने अपने हिसाब से अपनी जिंदगी जी है। माना जाता है कि इंडस्ट्री में आगे बढ़ने के लिए कई बार आपको तो गलत फैसले लेने पड़ जाते हैं। कुछ लोग चाहते थे कि रवीना टंडन भी वैसा ही करें, लेकिन अपने लाइफ में कोई भी गलत फैसला नही लिया, इंडस्ट्री में अपना नाम बनाने के लिए उन्होंने किसी भी तरीके गलत काम को सपोर्ट नहीं किया। यह भी बताया कि लोग चाहते थे कि वह उनकी मर्जी से हँसे और उनकी मर्जी से ही रोये, लेकिन अपने संघर्ष के बारे में बात करते समय रवीना ने यह खुलासा कर डाला की उस दौर में भी बॉलीवुड में? कुछ चालबाज लोग होते थे जो दलाली करते थे। इन लोगों में पत्रकार भी शामिल हुआ करते थे।
यह लोग खुद को फेमिनिस्ट बताते थे, लेकिन अल्ट्रा फेमिनिस्ट आर्टिकल के लिखा करते थे और ऐसा काम करने वाली तो कई महिला पत्रकार भी हुआ करती थी. लोगों ने कई बार उनके करियर को बर्बाद करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कभी भी अपने बारे में अफवाहों पर ध्यान नहीं दिया और ना ही कभी भी गुस्सा किया। उन्होंने अपनी ईमानदारी की वजह से कभी कोई फर्क नहीं कोई लेकिन उन्हें बुरी तरह से बदनाम कर दिया गया था। उनके बारे में अक्सर बहुत घटिया बातें लिखी जाती थी। रवीना अभी इंडस्ट्री से दूर है लेकिन उनके करियर की बात करे तो सन 1991 में फिल्म ‘पत्थर के फूल’ से अपने करियर की शुरवात की और इसके बाद उन्होंने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा। फिल्मो में तो रवीना की लव स्टोरी ने लोगों के ऊपर खूब अपना जादू बिखेरा.