जैसा की आप लोगों को मालूम है शराब का सेवन करना सेहत के लिए काफी हानिकारक माना जाता है और इसकी सेवन से कई प्रकार की बीमारियां भी इंसान की चपेट में आ जाती है लेकिन इन सबके बावजूद लोग शराब का सेवन करना पसंद करते हैं लेकिन आज हम आपको शराब से जुड़ा हुआ एक मजेदार सवाल पूछने जा रहे हैं अगर आप भी शराब का सेवन भी नहीं करते हैं तो आपने यह देखा भी होगा कि बीयर की बोतल हमेशा ही हनी या फिर भूरे रंग की होती हैं लेकिन क्या आप कभी इसके पीछे का कारण जानते हैं तो हाल ही में एक सर्वे में यह बात भी सामने आई है कि शराब पीने वाले 100 में से 80 लोग भी जड़ को काफी पसंद करते हैं बीयर तो लोग करते हैं लेकिन शायद किसी ने इस बात पर अभी तक गौर नहीं किया है और इसकी बोतल हमेशा ही हरी या भूरी क्यों होती हैं इसका क्या कारण है बियर को कभी सफेद या फिर किसी अन्य रंग की बोतल में पैक क्यों नहीं किया जाता तो आइए जान लेते हैं-
बीयर का रंग हरा या फिर भूरा होने के पीछे खास वजह बताई जाती है जानकारी के अनुसार मिश्र में कई साल पहले ही बीयर की बोतलें बनाई जाती थी और यहां पहले बीयर तक बनाई जाती थी और पारदर्शी बोतल में परोसी जाती थी तो इस दौरान बीयर निर्माता ने देखा कि जब पारदर्शी बोतल पर सूरज की रोशनी बढ़ती है तो प्रकाश के मौजूद अल्ट्रावॉयलेट किरणों के कारण अंदर का एसिड तेजी से प्रतिक्रिया करने लग जाता है और इस वजह से बीयर से कई प्रकार के नुकसान होने लगी और लोग इससे दूरी भी बनाने लग गए थे और इससे बियर कंपनियों को भी नुकसान हो रहा था!
वहीं ऐसे में जब कंपनी को नुकसान होता दिखा तो उन्होंने इस समस्या का समाधान भी निकाल दिया लेकिन कोई भी उपाय कारगर साबित कुछ समझ नहीं हो रहा था ऐसे में इसकी बोतलों पर भूरे रंग का लेप लगाना शुरू कर दिया यह उपाय काम कर गया था वहीं इसमें अब बेहद खराब नहीं हो रही थी यानी कि इस रंग की वजह से बोतल में रखे हुए तरल पदार्थ तक धूप नहीं पहुंच पा रही थी लेकिन इससे कुछ ही समय के बाद दूसरा विश्व युद्ध हो गया तो कंपनियों के सामने एक और समस्या गई उस समय भूरे रंग की बोतल का अकाल पड़ गया और किस रंग की बोतले मिलना ही बंद हो गई ऐसे में दोबारा से कंपनी नए रंग की बोतल बनानी शुरू कर दी तो फिर कंपनी ने हरे रंग को चुना और तब से लेकर अब तक बीयर पर केवल यह दो रंग ही नजर आते हैं!