बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन इंडस्ट्री का बड़ा नाम हैं। उनका रुतबा ऐसा है कि आज उनकी हर फिल्म हिट होती है। इंडस्ट्री हर कोई उनका नाम अदब के साथ लेता है। अमिताभ से रील लाइफ के हीरो ही नहीं हैं बल्कि रियल लाइफ के हीरो भी है चलिए आज आपको हम बताते हैं कि एंग्रीयंगमैन कैसे रियल लाइफ के हीरो हैं।
90 के दशक में अमिताभ बच्चन को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा था। उनकी फिल्में नहीं चल रही थीं और कारोबार भी अच्छा नहीं चल रहा था। लेकिन फिर मोहब्बतें फिल्म ने उनकी जिंदगी बदल दी।
साल 2000 में मोहब्बतें फिल्म रिलीज हुई थी। ये फिल्म ब्लॉकबस्टर साबित हुई थी। फिल्म में शाहरुख खान, अमिताभ बच्चन और ऐश्वर्या राय लीड रोल में थे। जिस वक्त ये फिल्म रिलीज हुई थी उस वक्त अमिताभ बच्चन अपने करियर के बुरे दौर से गुजर रहे थे। उन दिनों ज्यादातर प्रोड्यूर्स उन्हें कास्ट करने से बच रहे थे। लेकिन अमिताभ बच्चन को काम की सख्त जरूरत थी।
ऐसे में जब उन्हें पता चला कि यश चोपड़ा को एक फिल्म के लिए रोल की तलाश कर रहे हैं तो वह उनके पास गए और उनसे काम मांगा। यश जी ने शांति से मेरी बात सुनी और मुझे ‘मोहब्बतें’ में रोल दे दिया। इसके बाद मुझे विज्ञापन, टीवी शोज और फिल्में मिलनी शुरू हुईं।
1995 में अमिताभ ने अपनी कंपनी अमिताभ बच्चन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (ABCL) की शुरुआत की थी। पहले साल में कंपनी ने 65 करोड़ रुपए का टर्नओवर अचीव किया था और 15 करोड़ रुपए के मुनाफे में रही थी। लेकिन, दूसरे साल ग्रोथ अच्छी नहीं रही।1996 में कंपनी ने बेंगलुरु में हुई मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता के मैनेजमेंट का जिम्मा उठाया और इसे करीब 4 करोड़ रुपए का घाटा हुआ। फिर बिग बी और उनके प्रोफेशनल मैनेजर्स के बीच मनमुटाव पैदा हुआ। इसके चलते टॉप टीम बदलनी पड़ी।
कंपनी के बैनर तले बनी ‘मृत्युदाता’ जैसी फिल्में फ्लॉप रहीं और कंपनी को घाटा होता गया। 1999 में यह स्थिति आई कि अमिताभ बच्चन के पास अपने कर्मचारियों को वेतन तक देने के पैसे नहीं थे। फिल्म प्रोडक्शन और डिस्ट्रीब्यूशन का फंड अटक गया था। लोगों का विश्वास कंपनी से उठने लगा था। लेनदार बिग बी के घर आकर उन्हें गाली तक देने लगे थे।
अमिताभ खुद कई इंटरव्यूज में इसका जिक्र कर चुके हैं. उनकी मानें, तो उनके 44 साल के करियर का वो सबसे बुरा और भयानक वक्त था। अमिताभ लगातार अपने विकल्पों की तलाश कर रहे थे. तभी स्टार प्लस उनके पास केबीसी का प्रोजेक्ट लेकर पहुंचा। अमिताभ को काम की जरूरत थी. काम क्या था, इस बारे में ज्यादा सोचना उन्हें ठीक नहीं लगा।उन्होंने हां कर दी। औऱ सबकी सोच से इतर इस शो ने रातोंरात अमिताभ बच्चन को फिर से एक बार आम जनता और सिनेमा इंडस्ट्री दोनों के सामने एक नये रूप में पेश किया।
अमिताभ इसके बाद जहां लोगों को करोड़पति बनने का मौका दे रहे थे, वहीं वह खुद भी अपने कर्ज और आर्थिक तंगी से बाहर निकल रहे थे। अक्सर उन्हें कहते सुना जाता है कि केबीसी उनकी जिंदगी का सबसे अहम हिस्सा है और हमेशा रहेगा।