बॉलीवुड इंडस्ट्री के मशहूर अभिनेता अमजद खान जिनके बारे में हर कोई जानता ही होगा वहीं उन्होंने विलेन के रूप में इंडस्ट्री में काफी नाम कमाया ऐसे में उनकी आई फिल्म शोले तो हर किसी को याद होगी उसमें गब्बर सिंह बनकर अमजद खान क्या रंग बिखेरा है वह हर किसी ने देखा है! वही बता दे कि यह फिल्म उस जमाने की सुपर डुपर हिट फिल्म रही है और आज भी इस फिल्म को देखना लोग पसंद करते हैं खासतौर पर गब्बर सिंह को आज भी लोग उनकी डायलॉग के लिए याद करते हैं!
हालांकि आज अमजद खान हमारे साथ तो नहीं रह चुके हैं लेकिन उनके निभाए गए हरे किरदार को लोगों के द्वारा काफी पसंद किया गया है वहीं उनकी बेहतरीन अदाकारी और उनके अंदाज के लिए आज भी लोगों को तहे दिल से याद करते हैं वही बता दे कि पर्दे पर अमजद खान जितनी ज्यादा दमदार विलेन के रूप में उभरे हैं वही असल जिंदगी में वह बेहद ही शांत स्वभाव के व्यक्ति थे और उन्होंने अपनी जिंदगी में काफी उतार-चढ़ाव भी जिसके चलते हैं उनका जीवन काफी ज्यादा तंग आऊंगी रहा था आज हम आपको अपनी पोस्ट के माध्यम से उनकी निजी जिंदगी के बारे में बताने वाले हैं वहीं से जुड़ा हुआ एक ऐसा किसका है जो आपको हैरानी में डाल देगा!
वर्तमान समय की बात करें तो आज के समय में फिल्म अभिनेता हो या फिर फिल्म के विलेन हो फिल्मों में अभिनय करने के लिए करोड़ों की मांग करते हैं लेकिन अभिनेता अमजद खान की आर्थिक स्थिति ऐसी भी आई थी कि वह पैसों की तंगी के चलते इतने ज्यादा विवश हो चुके थे कि उनके पास पैसे नहीं थे और वह अपनी पत्नी को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज भी नहीं करवा पाए थे!
दरअसल अमजद खान की पत्नी ने अपने बेटे को जन्म दिया था और डिलीवरी के बाद उन्हें अपनी पत्नी को अस्पताल से डिस्चार्ज करवा कर घर पर ले जाना था लेकिन अमजद खान के पास कितने तो पैसे नहीं थे कि वह अस्पताल की फीस भर सकें और अपनी पत्नी को घर ले जाता लेकिन आपने एक कहावत तो सुनी होगी जिसका कोई नहीं होता उसका खुदा होता है वही ऐसे ही अमजद खान की बीवी की जानकारी फिल्म प्रोडक्शन चेतन आनंद को लगी तो वह तुरंत ही अस्पताल में पहुंच गई और उन्होंने पैसे देकर अमजद खान की पत्नी और बेटे को अस्पताल से डिस्चार्ज हुआ कल घर ले आए यहां तो बता दे कि अमजद खान की बेटी शादाब खान ने खुद इस बारे में एक इंटरव्यू के दौरान खुलासा किया था!
वहीं उनके बेटे ने बताया था कि जिस दिन मेरा जन्म हुआ था उस समय इतने पैसे भी नहीं थे कि मेरे पिता के पास कि हम ही वह अस्पताल से डिस्चार्ज करवा सके ऐसे में पिता की बेबसी देखकर मां की आंखों में आंसू से और मेरे पिता शर्म के मारे अपना चेहरा तक मेरी मां को नहीं दिखा पा रहे थे इतना ही नहीं बल्कि वह हॉस्पिटल भी नहीं आ रहे थे वहीं जब चेतन आनंद को इस बात की जानकारी लगी थी तब उन्होंने हॉस्पिटल आकर ₹400 की फीस भरी थी और मुझे और मेरी मां को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज करवाया था!