बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान एक नवाब परिवार से आते हैं। उनके पिता मशहूर दिवंगत क्रिकेटर मंसूर अली खान हरियाणा के पटौदी रियासत से ताल्लुक रखते थे।सैफ़ की माता शर्मीला टैगोर अपने टाइम की एक पॉपुलर एक्टरेस थी।सैफ़ की 2 बहने भी है सबा और सोहा। सैफ अली खान की पहली शादी अमृता सिंह से हुई थी, जिनसे उनके दो बच्चे सारा और इब्राहिम है। सैफ़ की दूसरी शादी करीना कपूर से हुई, करीना से भी उनके दो बच्चे तैमूर और जेह हैं। गुरुग्राम में सैफ का पुश्तैनी घर है जो पटौदी पैलेस (इब्राहिम कोठी) के नाम से फेमस है और काफी प्रॉपर्टी है जिसपर अक्सर चर्चा होती रहती है। पटौदी पैलेस किसी महल से कम नहीं है।
उनके बेटे इब्राहिम का नाम भी उन्होंने इब्राहिम कोठी के नाम पर ही रखा था। उनके बेटे तैमुर को लोग छोटे नवाब कहते।
भोपाल में उनके खानदान की हज़ारों करोड़ रुपये की संपत्ति है। भोपाल के अलावा उनकी संपत्ति हरियाणा और दिल्ली सहित देश के अन्य कई और राज्यों में भी फैली हुई है। अकेले भोपाल में ही नवाब सैफ अली खान के पास 5000 करोड़ से ज़्यादा की संपत्ति है। और उनकी यह संपत्ति विवादों में उलझी हुई है।
दरअसल यह संपत्ति सैफ अली खान के परदादा और भोपाल रियासत के आखरी नवाब हमीदुल्ला खान के नाम थीं, हमीदुल्ला खान के पास को बेटा नहीं था बल्कि इनकी बस दो बेटियां ही थी जिसमे से बड़ी बेटी का नाम आबिदा सुल्तान था और छोटी बेटी का नाम साजिदा सुल्तान था और ऐसे में हमीदुल्ला खान का कोई वारिस तो था नहीं इस वजह से उनकी पूरी प्रॉपर्टी की वारिस उनकी बड़ी बेटी आबिदा सुल्तान होती पर आबिदा ने अपना घर पाकिस्तान में बसा लिया और इस वजह से ये पूरी प्रॉपर्टी साजिदा सुल्तान को मिल गयी जो की हमीदुल्ला खान की छोटी बेटी थी |
वही साजिदा सुल्तान की शादी नवाब इफ्तिखार अली के साथ हुई और इस शादी से साजिदा को एक बेटा हुआ और दो बेटियां हुई जिनमे से इनके बेटे का नाम मंसूर अली खान पटौदी था और मंसूर अली खान से ही शर्मिला टैगोरे की शादी हुई थी और एस तरह से सारी साजिदा के बाद उनकी प्रॉपर्टी पर मंसूर अली और शर्मीला टैगोर के बच्चों का हक होना चाहिए पर ऐसा नहीं हुआ क्योंकि एनिमी प्रॉपर्टी प्रोटेक्शन एंड रजिस्ट्रेशन एक्ट के अनुसार हमीदुल्ला खान की पूरी प्रॉपर्टी का वारिस उनकी छोटी बेटी को नहीं बल्कि उनकी बड़ी बेटी आबिदा को माना गया क्योंकि पैतृक संपत्ति पर हमेशा बड़े बेटे या बेटी का हक होता है और इस वजह से इस प्रॉपर्टी का वारिस आबिदा को माना गया जो की साल 1950 में पाकिस्तान में जाकर बस गयी थी।
बता दे एनिमी प्रॉपर्टी अमेंडमेंट ऑर्डिनेंस 2016 के लागू होने और एनिमी सिटीजन की नई परिभाषा के बाद विरासत में मिली ऐसी प्रॉपर्टीज से भारतीय नागरिकों का मालिकाना हक खत्म कर दिया गया है ऐसे में जो भी हमीदुल्ला खान की प्रॉपर्टी थी वो कभी मंसूर अली खान की हुई ही नहीं तो इस वजह से इस संपत्ति में से सैफ अली खान को भी नहीं मिलेगी। तैमूर अली खान के जन्म के बाद कहा गया था कि 5000 करोड़ रुपये की संपत्ति के वारिस वो होंगे। लेकिन शत्रु संपत्ति अधिनियम के तहत तैमूर अली खान को इस संपत्ति की फूटी कौड़ी भी नसीब नहीं होगी।