टीवी इंडस्ट्री का सबसे चर्चित सीरियल रामायण में सीता की भूमिका निभाने वाली दीपिका चिखलिया का आज जन्मदिन है वही इस अवसर पर आज हम आपको बताने वाले हैं कि आखिरकार क्यों उन्होंने अपने सफल राजनीतिक कैरियर से ही दूरी बना ली थी और उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में यहां तक बताया था कि साल 1991 में उन्होंने बड़ोदरा सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव भी लड़ा था और इसमें उनको जीत भी हासिल हुई थी और इस दरमियान उनकी शादी हो गई!
उसके बाद ही उन्होंने 5 साल संसद में गुजारे लेकिन अगली पारी कि वह शुरुआत करने वाली थी लेकिन इससे पहले ही उनकी बेटी निधि का जन्म हो गया ऐसे में दीपिका का कहना है कि राजनीति कोई ऐसा काम नहीं है जिसे तमाम कामों के साथ किया जाए वह कहती हैं कि राजनीति प्रमुख तौर पर जनता की सेवा का काम है ऐसे में जब वह मां बन गई तो उनके ऊपर जनता की जिम्मेदारी परिवार की जिम्मेदारी और अपनी बेटी की जिम्मेदारी एक साथ आ गई थी!
वही यहीं पर आकर हुई राजनीति और अभी दोनों की दुनिया से परे होकर अपने परिवार को ही चुना था तथा परिवार को संभालने में जुट गई थी किंतु सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही है कि जब वह गुजरात से चुनाव लड़ रही थी तब उनके लिए प्रचार करने नरेंद्र मोदी और लालकृष्ण आडवाणी दोनों ने उनके लिए लोगों से वोट मांगे थे ऐसे में जब उन्होंने सियासत को छोड़ दिया तब हर किसी को आश्चर्य हो गया!
वहीं दीपिका चिखलिया ने बताया था कि उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात भी हुई थी तब उन्होंने दीपिका के सक्रिय राजनीति से दूर होने की वजह भी जानी चाहिए थी ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी की नजर में आज भी 1991 दीपिका की थी जो कि बहुत ही कर्मठ और जुझारू थी इसके दीपिका ने बताया कि उन्होंने अपने पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते छोड़ दी तो प्रधानमंत्री मोदी ने भी उनकी प्रशंसा की थी और कहा था कि बहुत से लोग ऐसा नहीं कर पाते!