Lakhimpur Kheri conspiracy was hatched through WhatsApp group: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Khiri) में किसानों के झड़प के दौरान बड़ी हिंसा में 9 लोगों की मौत हो गई. इन मरने वालों में 4 किसान, तीन बीजेपी (BJP) कार्यकर्ता, एक बीजेपी नेता का ड्राइवर तो एक पत्रकार शामिल हैं. इसी दौरान लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर एक बहुत बड़ा खुलासा सामने आया है और पता चला है कि हिंसा से पहले एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया था जिसके द्वारा यह पूरी साजिश रची गई थी.
गौरतलब है कि, लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri Violence) से पहले ‘ललकार किसान’ नाम का ग्रुप बनाया गया था और इस गुप से केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र के वीडियो शेयर किए गए थे. इसके साथ ही व्हाट्सऐप ग्रुप में लिखा गया था, ‘इससे बदला लेना है.’
गुप्त सूत्रों से पता चला है कि ‘ललकार किसान’ ग्रुप को खालिस्तान टास्क फोर्स (Khalistan Task Force) के एक पूर्व सदस्य ने बनाया था. अब पुलिस व्हाट्सऐप ग्रुप के एडमिन की तलाश कर रही है, जिसके जरिए लखीमपुर खीरी हिंसा से पहले मैसेज फॉरवर्ड किए गए थे.
अब तक के पुलिस के जांच से कई सवाल ऐसे हैं जिनके उत्तर अब तक नहीं मिले हैं जैसेलखीमपुर खीरी हिंसा की साजिश किसने रची और लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार कौन है? क्या लखीमपुर खीरी में किसानों के बीच अराजक तत्व शामिल थे. ये कुछ ऐसे सवाल हैं, जिनके जवाब अभी मिलने बाकी हैं. यूपी सरकार ने हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज से मामले की जांच कराने का ऐलान किया है, लेकिन इस बीच हिंसा को लेकर सियासत भी जारी है.
योगी आदित्यनाथ ने अपराधियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने का भरोसा दिया है इसके अलावा उत्तर प्रदेश ने सरकार ने कहा कि इस पूरे मामले की जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज से कराई जाएगी और साथ ही साथ इस हिंसा में मारे गए लोगों के परिवार वालों को 45-45 लाख रुपए और घायलों को 10-10 लाख रुपए मुआवजा दिया जाएगा