Promised to withdraw CAA riots and cow slaughter cases: 2022 में उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कॉन्ग्रेस पार्टी ने मुस्लिमों को रिझाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है. लगभग तीन दशक से राज्य में सत्ता से दूर कॉन्ग्रेस अब मुस्लिमों के सहारे लखनऊ में वापसी करना चाहती है. फिलहाल सपा के मुस्लिम वोट बैंक पर नजर गाड़े कॉन्ग्रेस अब मुल्ले-मौलवियों को अपने पाले में करने में जुटी है. अपने 16 सूत्री संकल्प-पत्र को कॉन्ग्रेस ने मुस्लिमों (Muslim) के घर-घर तक पहुँचाने का लक्ष्य रखा है.
बता दें कि, कॉन्ग्रेस पार्टी ने निर्णय लिया है कि शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद वो हर मस्जिद के बाहर अपना संकल्प-पत्र बाँटेगी. अपने संकल्प-पत्र में भी कॉन्ग्रेस ने ऐसे मुद्दों को शामिल किया है, जिससे वो खुद को मुस्लिम हितैषी दिखाते हुए योगी सरकार पर निशाना साध सके। NRC विरोधी दंगों में दर्ज मुकदमे वापस लेने और मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून से लेकर हर जिले में अल्पसंख्यक छात्रावास खोले जाने जैसे वादे इसमें शामिल हैं.
साथ ही साथ, कॉन्ग्रेस (Congress) ने वादा किया है कि वो मुस्लिम छात्रों को छात्रवृत्ति देगी, मदरसों का आधुनिकीकरण कर के शिक्षकों को बकाया वेतन बड़ा दिया जाएगा, 30 वर्षों में वक़्फ़ संपत्तियों में हुई कथित धाँधली की जाँच कर दोषियों को सज़ा दी जाएगी, पसमांदा आयोग का गठन किया जाएगा, दंगों की फिर से जाँच होगी, हर मंडल में यूनानी मेडिकल कॉलेज खुलेगा, गोहत्या वाले मुकदमे वापस लिए जाएँगे और मुस्लिमों को खास तौर पर पुलिस में भर्ती किया जाएगा.
गौरतलब है कि, कॉन्ग्रेस की योजना है कि इस संकल्प-पत्र को 15 अक्टूबर, 2021 तक हर राज्य के एक मुस्लिम तक फैला दिया जाए. साथी 8432 मस्जिदों के बाहर जुमे की नमाज के बाद इसकी प्रतियाँ बाँटने के लिए अल्पसंख्यक मोर्चा के कार्यकर्ताओं को लगाया जाएगा. 25 लाख मुस्लिमों तक पहुँचने की योजना है. उत्तर प्रदेश में लगभग 20% वोटर मुस्लिम हैं. 143 सीटों पर उनका असर है. इनमें से आधी सीटों पर मुस्लिम जनसंख्या 20-30% के बीच है.