आप के सबसे रईस व्यक्ति मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो से हर महीने लाखों सब्सक्राइबर का मोहभंग होता हुआ दिख रहा है वहीं पिछले 6 महीने में जिओ कंपनी ने चार करोड़ सब्सक्राइबर्स अपने गवा दिए हैं और यह संख्या vodafone-idea छोड़कर गए सब्सक्राइबर से भी 5 गुना ज्यादा हो गई है! वहीं दूसरी तरफ एयरटेल का सब्सक्राइबर बेस लगातार से ही मजबूत हो रहा है वह पिछले 6 महीने में एयरटेल कंपनी की बात करें तो 40 लाख नए सब्सक्राइबर्स आए हैं!
वही पिछले 6 महीने का यदि देखा जाए तो रिलायंस जियो ने हर महीने करीब 68 लाख और वोडाफोन आइडिया में हर महीने अपने 1200000 सब्सक्राइबर्स गवा दिए हैं और इस दौरान एयरटेल ने बाजी मारते हुए हर महीने छह लाख नहीं सस्ता है बस जुड़े हैं वही सब्सक्राइबर्स गवाना इस कहानी का एक आधा ही सच है क्योंकि भले ही रिलायंस जियो अपने संस्कार बरगवां रही हो लेकिन इसके एक्टिव सब्सक्राइबर्स लगातार बढ़ते जा रहे हैं यानी कि जिओ के एसएस स्क्राइबल घटे हैं जिनसे कंपनी को कोई भी रेवेन्यू जनरेट नहीं हो रहा था यानी कि जिनके पास जियो का सिम तो था लेकिन वह रेगुलर रिचार्ज नहीं करवाया करते थे!
वही पूरा सच तो इसमें यह है कि एक्टिव सब्सक्राइबर्स के मार्किट शेयर में जिओ कंपनी ने जुलाई 2021 में एयरटेल को भी पीछे छोड़ दिया है और तब से लेकर अब तक जियो की एक्टिव सब्सक्राइबर्स को मार्केट शेयर लगातार बढ़ता ही जा रहा है!
मुकेश अंबानी का प्लान
ऐसे में बता दें कि साल 2016 में रिलायंस जिओ लांच की गई थी तो भारत का टेलीकॉम मार्केट कंपटीशन से भरा हुआ था वहीं आठ कम के बावजूद ग्राहक को 1 मिनट कॉल के लिए लगभग 58 पैसे चुकाने पड़ रहे थे ऐसे में रिलायंस जियो ने सबसे पहले बाजार में पकड़ बनाने का फैसला ले लिया वही अपने शुरुआती समय में ही अनलिमिटेड डाटा और हाई क्वालिटी वॉइस कॉलिंग की सर्विस देती है दूसरे टेलीकॉम ऑपरेटर्स को भी अपना बिजनेस मॉडल बदलने पर कंपनी ने मजबूर कर दिया वही धीरे-धीरे मार्केट कम होता गया और रिलायंस जिओ का वर्चस्व बढ़ता चला गया और अब भारत में केवल टेलीकॉम मार्केट में केवल तीन कंपनियां ही बची है!