15 lakh people became unemployed in the month of August: एक तरफ जहां सरकार का कहना है कि वित्तीय वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में जीडीपी में 20.1 फीसदी का उछाल आया है. वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी (BJP) से राज्यासभा सांसद और वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने अगस्त महीने में बेरोजगार हुए लोगों को लेकर एक ट्वीट किया है.
सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanyam Swami) ने ट्वीट करते हुए ‘लाइव मिंट’ की एक रिपोर्ट शेयर की है जिसमें कहा गया है कि अगस्त में औपचारिक और अनौपचारिक दोनों क्षेत्रों के करीब 15 लाख से अधिक लोगों ने अपनी नौकरी खोई है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के अनुसार, कार्यरत लोगों की संख्या जुलाई में 399.38 मिलियन से गिरकर अगस्त में 397.78 मिलियन हो गई. इस दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 13 लाख नौकरियों का नुकसान हुआ.
बता देखें CMIE के डेटा के मुताबिक अगस्त में शहरी बेरोजगारी दर लगभग 1.5 फीसदी बढ़कर 9.78 फीसदी हो गई। जुलाई में देश में शहरी बेरोजगारी दर 8.3 फीसदी थी. इसी तरह ग्रामीण बेरोजगारी दर भी अगस्त में 1.3 फीसदी बढ़कर 7.64 फीसदी हो गई. वही यह जुलाई में यह 6.34 फीसदी थी.
गौरतलब है कि स्वामी के इस ट्वीट पर यूजर्स भी अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. एक यूजर ने लिखा, “अगर बेरोजगारी दर बढ़ रही है तो जीडीपी में कैसे सुधार हो रहा है. क्या आप ये समझा सकते हैं?” एक अन्य यूजर ने पीएम मोदी पर तंज़ कसते हुए कहा, “ऐसा तभी होता है जब कोई इंसान 18-18 घंटे काम करता है. कोई बात नहीं, मोदी जी ने इसीलिए युवाओं को आत्मनिर्भर का मंत्र दिया है. वाह मोदीजी वाह.”
स्वामी ने ट्वीट कर लिखा था कि , “जब देश की अर्थव्यवस्था में गहरी गिरावट हो रही है ऐसे समय में सार्वजनिक उद्यम को बेचना मानसिक दिवालियापन और हताशा का संकेत है. यह एक अच्छी सोच नहीं है. मोदी सरकार इस बात से इनकार नहीं कर सकती कि सीएसओ के आंकड़े बताते हैं कि 2016 के बाद से जीडीपी में हर साल गिरावट आई है.”