Announcement of war against Taliban: अभी हाल ही में तालिबान (Taliban) ने अफगानिस्तान को अपने नियंत्रण में ले लिया है. और हम बता दें कि यदि अफगानिस्तान का कोई प्रांत तालिबानियों के नियंत्रण से दूर है तो वह पंजशीर घाटी है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह और राजनेता अहमद शाह मसूद के प्रतिरोध मोर्चा ने गुरुवार को पंजशीर घाटी में अपने झंडे की घोषणा की. इसका मतलब है कि अब पूरी तरह से इस मोर्चे ने तालिबानियों के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया है.
गौरतलब है कि ये झंडा सोवियत संघ के खिलाफ अफगान मुजाहिदीन की जीत के बाद बनी सरकार का आधिकारिक झंडा है, अहमद शाह मसूद ने काबुल पर कब्जा करने के बाद इस झंडे को अपनाया था।
अफगानिस्तान (Afganistan) के झंडे के समर्थन में विरोध की सराहना:अमरुल्ला सालेह
सूत्रों के अनुसार पहले दिन अमरुल्ला सालेह ने राष्ट्रीय ध्वज फहराने वाले लोगों के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया था. रविवार को काबुल पर कब्जा करने के बाद आतंकी संगठन तालिबान ने अफगानिस्तान के राष्ट्रीय ध्वज को प्रमुख इमारतों से हटाना शुरू कर दिया है. वही तालिबान अफगानिस्तान के राष्ट्रीय ध्वज को हटाकर अपना ध्वज लगा रहा है. पर इसका जलालाबाद और खोस्त सहित कई शहरों में विरोध हो रहा है।
बता दें कि , तालिबान आतंकवादियों द्वारा आतंकवादी संगठन के झंडे के स्थान पर अपना राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए जलालाबाद में भीड़ पर कथित रूप से गोलीबारी की थी, जिसमें कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई थी और 12 लोग घायल हुए थे।
वहीं दूसरी ओर ट्विटर पर जारी अपने बयान में, सालेह ने कहा, “तालिबान प्रॉक्सी समूह के खिलाफ राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए विभिन्न स्थानों पर अपने देश के सम्माननीय लोगों के साहसी और देशभक्ति आंदोलन के लिए मैं सम्मान, समर्थन और प्रशंसा व्यक्त करता हूं..’
वहीं दूसरी ओर भारत की तरफ से कोई भी ऐसे ठोस कदम देखने को नहीं मिल रहे हैं जिससे यह मालूम हो की भारत तालिबानी हुकूमत को सही ठहरा रहा है या फिर वह अफगानिस्तान का साथ देना चाह रहा है. वहीं दूसरी ओर बाकी दुनिया अपनी अपनी बातों को दुनिया के सामने रख चुकी है.