रक्षा क्षेत्र में भारत विश्व का चौथा सबसे मजबूत देश, जानिए आजादी के बाद से अब तक कितनी शक्ति बढ़ी

India is the fourth strongest country in the world: दूसरे विश्वयुद्ध (Second World War) तक भारतीय सेना में सैनिक संख्या 25 लाख पहुंचा चुके थे. युद्ध खत्म हुआ तो अधिकतर की सेवाएं खत्म कर दी. देश का बंटवारा हुआ तो सेना भी धार्मिक आधार पर बांटी गई।

उस समय दो से पांच बटालियन वाली 23 इंफेंट्री रेजीमेंटों में से 15 भारत को मिलीं. 10 गोरखा रेजीमेंटों में से भी छह हमें मिलीं, चार अंग्रेजों ने अपने पास रख कर उसे ब्रिटिश मलाया (मौजूदा सिंगापुर व निकटवर्ती द्वीप व भूभाग) में तैनात किया गया. 27 में से 19 आर्टिलरी रेजीमेंट्स, दो तिहाई इंजीनियर व अन्य यूनिट्स भारत को मिलीं. सेना की कुल संख्या 1.20 लाख थी.

विश्व की दूसरी सबसे बड़ी सेना

1948 से 1953 तक सेना भर्ती अभियान के बाद भारतीय सैनिकों (Indian Soldier) की संख्या लगभग 5 लाख तक पहुंच चुकी थी.

14.55 लाख सक्रिय सैनिक, 11.50 लाख रिजर्व फोर्स और 25 लाख से अधिक अर्द्धसैनिक बल आज भारत के पास हैं. इसे विश्व की दूसरी सबसे बड़ी सेना माना जाता है, अर्द्धसैनिक बल भी गिनें तो यह सबसे बड़ी है.

पुलिस क्षमता बढ़ाई गई

1947 : 2.38 लाख नागरिक पुलिस और 1.42 लाख सशस्त्र पुलिस यानी 3.80 लाख पुलिसकर्मी थे।
आज : 16.70 लाख नागरिक पुलिस और 2.82 लाख सशस्त्र पुलिस हैं। 6.71 लाख विशेष सशस्त्र बल भी.
सैन्य बजट बढ़ाया
375.43 करोड़ रुपये का रक्षा बजट था 1951 में.
4.71 लाख करोड़ रुपये के करीब यह रहा 2020-21 में.

वैश्विक शांति में पूरा योगदान, तो सर्जिकल स्ट्राइक भी किया

भारतीय सेना यूएन (UN) शांति मिशन में सैनिक भेजने में द्वितीय है. यूएन के 10 मिशन में साढ़े सात हजार भारतीय सैनिक विश्व की शांति कायम रखने में मदद कर रहे हैं. वहीं, 28-29 सितंबर 2016 को पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक करके भारत ने दर्शाया कि देश के दुश्मन को सीमा पार घुसकर भी मारा जाएगा और भारत अमन चैन के साथ रहने वाले देश से बढ़कर एक ऐसा देश बनकर उभरा जो अपने स्मिता के लिए कुछ भी कर सकता है.

नौसेना हुई मजबूत

4 स्लूप (छोटे मस्तूल के जहाज), 12 माइनस्वीपर (समुद्री विस्फोटक सुरंगे हटाने वाले छोटे युद्धक जहाज) और एक कार्वेट (छोटा युद्धक जहाज) भारतीय नौसेना के लिए छोड़ गए थे अंग्रेज, जिनसे करीब साढे़ सात हजार किमी की समुद्री सीमा की निगरानी व रक्षा करनी थी.
285 छोटे-बड़े युद्ध और परिवहन जहाज आज नौसेना के पास हैं, 38 हजार केे करीब नौसैनिक हैं.

दुश्मन हमारी मिसाइलों से दूर नहीं

सैन्य क्षमता मापने के लिए मिसाइलों को सबसे अहम माना जाता है. भारत द्वारा विकसित मिसाइलें अपने दुश्मन देशों पर हमला करने की पूरी क्षमता देती हैं. सर्विस में शामिल अग्नि-5 की मारक क्षमता आधिकारिक तौर पर 5.5 हजार और अनौपचारिक तौर पर करीब 8 हजार किमी मानी जाती है.

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