विपक्ष वालो ब्राह्मण का मुसलमान वाला तुष्टिकरण नहीं काम आएगा, बसपा और आप की रणनीति यही

Muslim appeasement of opposition Brahmins will not work: वर्तमान में देश की सभी विपक्षी पार्टियों का नीति यही है कि तुष्टिकरण के दम पर देश के किसी एक बड़े वर्ग को अपने पक्ष में कर लिया जाए जिसके दम पर उनकी राजनीति चलती रहे. अपनी इसी नीति को प्रयोग करने के लिए विपक्ष ने उत्तर प्रदेश की जमीन तलाशी है. जहां कुछ ही अगले साल विधानसभा चुनाव संपन्न होने है.

यहां के मुख्य राजनीतिक पार्टियां सपा, बसपा (BSP) और कांग्रेस (Congress) अभी तक मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति अपनाती रही है लेकिन लोकसभा चुनाव 2014 बीजेपी (BJP) की समाज में पकड़ एवं जनता के प्यार और विश्वास से मिली जीत देखकर उन्हें या अंदाजा हो गया कि मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति का यूपी कि राजनीति में अब उतना महत्त्व नहीं रहा है .

उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टियों ने ब्राह्मण समाज को बरगलाने के लिए कानपुर कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे एनकाउंटर को हत्या बता दाव खेलने की कोशिश की जिससे राज्य के ब्राह्मण को यह लगे की यूपी सरकार ब्राह्मण प्रेमी नहीं है.

वर्तमान यूपी सरकार के खिलाफ ब्राह्मण तुष्टिकरण की नीति मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति से कितनी असरदार एवं कारगर साबित होगी यह देखना ज्यादा रोचक होगा क्योंकि दोनों के आंकड़े और व्यवहार मे बहुत अंतर है . ब्राह्मण वर्ग को लुभाने का सबसे ज्यादा प्रयास किसी पार्टी ने किया है तो वह है बहुजन समाज पार्टी . पार्टी में दो नंबर के नेता सतीश चंद्र मिश्रा लगातार यूपी में सम्मेलन करने जा रहे हैं, इसका मुख्य रूप से केंद्र बिंदु है विकास दुबे है. सतीश चंद्र मिश्रा ने स्वयं यह घोषणा की है कि विकास दुबे के भतीजे की पत्नी का केस वह खुद स्वयं लड़ेंगे. आपको बताते चलें कि सतीश चंद्र मिश्रा की रैलियों में आजकल जय श्रीराम के नारे लगाए जाते हैं.

गौरतलब है कि इस पार्टी की मुखिया जब राजनीति में आई थी, उन्होंने “तिलक-तराजू और तलवार इनको मारो जूते चार ” का नारा देकर ब्राह्मणों ही को नीचा दिखाया था. ब्रह्मणों को लुभाने का अगला प्रयास समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने किया है. उन्होंने भी ब्राह्मण सम्मेलन की योजना बनाई थी. सपा इस आयोजन को 22 अगस्त से शुरू करने वाली थी लेकिन बसपा की आक्रामक रवैया को देखते हुए समाजवादी पार्टी इस सम्मेलन को जल्द से शुरू करने की तैयारी कर रही है ,आपको बताते चलें कि इस सम्मेलन में अखिलेश यादव आपको विभिन्न मंदिरों का दौरा करते हुए नजर आएंगे.

ध्यान देने योग्य है यह है कि ब्राह्मण समाज के लोग इतने अशिक्षित नहीं है कि वह तुष्टीकरण के जाल में फंस जाएंगे. इसका अंदाजा बीते चुनाव के नतीजों से क्षेत्रीय पार्टी को लगा लेना चाहिए कि ब्राह्मण समाज का भाजपा से मोह भंग नहीं हुआ है.

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