Rahul Gandhi said: ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Sindhiya) के बीजेपी (BJP) केबिनेट में मंत्री बनने के बाद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का बयान काफी तेजी से वायरल हो रहा है. यह दो विचारधारा की लड़ाई है. एक तरफ जहां कांग्रेस (Congress) हैं तो दूसरी तरफ संघ. मैं ज्योतिरादित्य सिंधिया के बारे में अच्छे से जानता हूं. वह मेरे साथ कॉलेज में थे. मैं उनकी विचारधारा से भलीभांति परिचित हूं.’
उन्होंने आगे कहा कि,’ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपने पॉलीटिकल करियर का डर लग गया जिसकी वजह से उन्होंने अपनी विचारधारा को अपने पॉकेट में रख कर आरएसएस (RSS) के साथ मिल गए. परंतु यह सच्चाई है कि बीजेपी में ना उन्हें इज्जत मिलेगी और ना ही वह अपनी विचारधारा के अनुरूप काम कर सकेंगे.’
इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा कि,’उनकी हर ज्योतिरादित्य सिंधिया की पुरानी मित्रता है परंतु ज्योतिरादित्य सिंधिया अब अपनी विचारधारा को किनारे रखकर आगे बढ़ रहे हैं. उनके दिल में कुछ और है और जुबां पर कुछ और.’
दूसरी ओर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राहुल गांधी के आरोप का खंडन करते हुए कहा कि,’ राहुल गांधी को जितनी चिंता मेरी अभी है उतनी चिंता तब होती जब मैं कांग्रेस में था तो बात कुछ और होती.’
आरोप-प्रत्यारोप और मंत्रिमंडल तारकेश दौड़ में कौन एक दूसरे से कितना आगे है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा लेकिन वर्तमान परिस्थिति से यह तो साफ है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने अतीत से काफी आगे निकल चुके हैं और वह पीछे की ओर मुड़ कर देखना भी नहीं चाहते हैं.
ऐसा लग रहा है कि मानो ज्योतिरादित्य सिंधिया के मंत्री बनने के बाद राहुल गांधी इस बात को पचा नहीं पा रहे हैं और मीडिया से मुखातिब होकर कुछ भी अनाप-शनाप कह रहे हैं. वहीं दूसरी और राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस से निकल जाने के बाद कॉन्ग्रेस खेमे में एक गांठ पड़ गई थी जो कि इनके मंत्री बनने के बाद और ज्यादा बढ़ गई है.