उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण को लेकर योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सख्त हैं. अपने एक इंटरव्यू के दौरान अर्नब गोस्वामी (Arnab Goswami) ने उनसे पूछा कि,’क्या उनकी सरकार अल्पसंख्यकों के खिलाफ है?’ साथ ही यह पूछा कि,’आखिर हर चुनाव से पहले ही भाजपा धर्मांतरण का मुद्दा क्यों उठाती है?’ इस पर मुख्यमंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि लव जिहाद के खिलाफ कानून चुनाव से काफी पहले ही बना दिया गया था.’
आगे उन्होंने कहा कि लव जिहाद के खिलाफ बने कानून का अगले विधानसभा चुनाव से कोई भी लेना देना नहीं है और ना ही उनके सरकार इसका न कभी इसका दुरुपयोग किया है. उन्होंने बताया कि कानून का उपयोग और प्रदेश के हित के लिए किया गया है. धर्मांतरण वाला मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है. उन्होंने गाजियाबाद मैं डासना स्थित शिव शक्ति धाम में छद्म हिन्दू नाम के साथ अपराधियों के घुसने का मुद्दा उठाया.
उन्होंने आगे इस ओर भी ध्यान दिलाया कि कैसे उनके पास से सर्जिकल ब्लेड निकले थे. उन्होंने कहा कि मौलाना मोहम्मद उमर गौतम ने बाटला हाउस से देश भर में धर्मांतरण का नेटवर्क फैला था. उन्होंने इसकी पुष्टि की कि विदेश से फंडिंग लेकर धर्मांतरण कराया जा रहा था. उन्होंने कहा कि यह मूक बधिर बच्चों को निशाना बनाया जाता है क्योंकि वह सॉफ्ट टारगेट होते हैं. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि घर के भीतर परिवार को धर्मांतरण कराना ही लोगों का काम था.
मंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा ,’बच्चों को जिहादी बनाया जाता है जिनका इस्तेमाल धार्मिक स्थानों पर आस्था को चोट पहुंचाने के लिए और VVIP सुरक्षा में सेंध लगाने के लिए किया जाता है. हमारे पास इसके पक्के सबूत हैं. यह राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ करने का पूरा काम है यह धर्मांतरण का ही मुद्दा नहीं है. सरकार ने जबरन धर्मांतरण करने के लिए 500 से अधिक अधिकारियों की एक टीम बना रखी है.’