हेलो कश्मीर में 6 लड़कियों के जबरन धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया है इस मामले के सामने आने के कुछ दिनों बाद मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के पूर्व चांसलर जफर सरेशवाला ने लव जिहाद के अपराध को प्रेम का रंग देने की कोशिश की है. सरेशवाला ने दावा किया कि दो सिख लड़कियों में से एक 27 साल की थी, जो कि एक 37 वर्षीय मुस्लिम व्यक्ति से प्यार करती थी और अपनी मर्जी से इस्लाम धर्म कबूल किया है.
गौरतलब है कि लेखा अमन वाली ने अपने ट्वीट में जफर सरेशवाला द्वारा किए गए इस दावों का खंडन किया है उन्होंने कहा कि जफर के दावे फर्जी हैं और साथ ही यह भी कहा कि वह 2 सीट लड़कियों के कथित जबरन धर्म परिवर्तन के पाप को दबाने के लिए दो अलग-अलग मामलों को जोड़ रहे हैं.
https://twitter.com/amaanbali/status/1409492660440625156
इस दौर दौरान बाली ट्वीट कर कहा कि ,” यह पूरी तरह से फेक है। यह सच नहीं है. दो अलग-अलग मामले हैं. रैनावारी के मामले में लड़की 18 साल की है और अस्थिर है. वहीं महजूर नगर मामले की लड़की 32 साल की है. जब जमीन पर मौजूद लोगों ने पहले ही मामलों को स्वीकार कर लिया है, तो अपराध को छिपाने की क्या जरूरत है?”
वहीं दूसरी तरफ जफर सरेशवाला ने यह दावा किया है कि उन्होंने कश्मीर में महत्वपूर्ण लोगों से बात की जिन्होंने उन्हें सूचित किया कि जबरन धर्मांतरण और एक मुस्लिम से सीख महिला की शादी की कहानी में कोई भी सच्चाई नहीं है इसके साथ साथ दफर ने ट्वीट किया कि, “सिख लड़की 27 साल की है, मुस्लिम लड़का 37 साल का है और वे पिछले 7 सालों से प्यार में थे! मजिस्ट्रेट के सामने खुली अदालत में लड़की ने अपने प्यार का इजहार किया और कहा कि उसने अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन किया है! अब जहर घोलने वालों घर जाकर आराम करो.”
The Sikh Girl is 27, Muslim Boy is 37 and they were in Love for the past 7 years ! The Girl in the open court in front of the Magistrate declared her love and said she has converted on her own will! Now Venom Spreaders Go Home & REST
— zafar sareshwala 🇮🇳 (@zafarsareshwala) June 28, 2021
दोस्ती की लड़कियों के अपहरण और उसके बाद इस्लाम में धर्मांतरण की खबरों ने बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया पर हंगामा मचा कर रख दिया है. जिसमें लोगों ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है शिरोमणि अकाली दल के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस मुद्दे को उठाया और जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है.