जम्मू कश्मीर में पिछले कुछ दिनों हुए हमले को लेकर प्रधानमंत्री मोदी एक्शन में हैं. इसलिए पीएम मोदी ने मंगलवार 29 जून को हाई लेवल मीटिंग बुलाई थी. इस हाई लेवल मीटिंग में यह तय कर लिया गया है कि अब आतंकवादियों को मुंह तोड़ जवाब देना पड़ेगा. इस मीटिंग से कई बातें निकल कर सामने आ रही हैं. जिस तरह से पीएम मोदी ने यह बैठक बुलाई लगता है कि अब कुछ बड़ा होने वाला है. इसका सीधा मतलब है कि अब पाकिस्तान को डरने की जरूरत है.
जम्मू कश्मीर को लेकर पीएम आवास पर लगभग 2 घंटे की लंबी बैठक चली थी इस दौरान तमाम मुद्दों पर चर्चा हुई लेकिन प्रमुख मुद्दा रहा जम्मू कश्मीर में हम लोगों का कारण. इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल मौजूद थे. इस बैठक से पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को एयर फोर्स चीफ ने वृष्टि किया था. हाल ही में जम्मू एयर फोर्स स्टेशन पर ड्रोन हमला हुआ है. इस बैठक में इस पर भी चर्चा हुई.
अजीत डोभाल और रक्षा मंत्री ने पीएम मोदी को जम्मू में सुरक्षा तैयारियों को लेकर अपडेट दिया. इसके अलावा हम आपको बता दें कि इस हमले को संयुक्त राष्ट्र संघ में भी उठाया गया है. अभी हाल ही में पुलवामा के हमले की जानकारी भी दी गई और फैसला लिया गया कि आने वाले दिनों में इन आतंकवादियों को धूल हटाने के लिए कुछ बड़ा प्लान किया जाए.
इन आतंकवादियों के लिए जो प्लान किया गया है वह प्लान क्या होगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन इस बैठक से पीएम मोदी ने अपने इरादे दुनिया के सामने साफ कर दिए हैं कि वह अब आतंकियों को लेकर कोई भी कोताही नहीं बरतेंगे.
इस बैठक में रक्षा क्षेत्र में भविष्य की चुनौतियों पर भी बैठक की गई और सेनाओं को आधुनिक उपकरण मुहैया कराने के प्रबंधों पर विचार किए गए. बताया जा रहा है कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISIS) का हाथ है. यह हमला लश्कर ने आईएसआईएस के इशारे पर अंजाम दिया है. इस हमले में चीन में बने ड्रोन के इस्तेमाल का तक भी बताया जा रहा है. यह देश में इस तरह का पहला हमला था इसलिए गृह मंत्रालय ने इस हमले की जांच को एनआईए (NIA) को सौंप दिया है.