NYpost ने नपुं-सक हुए मौलाना की खबर में हिन्दू पंडित की फोटो लगा हिन्दू-विरोध दिखाया

अमेरिकी मूल की अंग्रेजी पोर्टल न्यूयॉर्क पोस्ट ने हिंदू विरोधी पोस्ट शेयर किया है. दरअसल बात यह थी कि कुछ दिनों पहले खबर आई थी एक इस्लामिक मालवीय की पत्नी ने उसका लिंग काट दिया, जिसके परिणाम स्वरूप उसकी मौत हो गई. इस खबर को न्यूयॉर्क पोस्ट ने काफी ज्यादा तोड़ मरोड़ कर दुनिया के सामने पेश किया और पोस्ट ने खबर के साथ हिंदू पुजारी की फोटो को शेयर कर दिया और साथ में खबर की हेडिंग में मौलवी न लिखकर प्रीस्ट लिखा ताकि यह दिखाया जा सके कि यह एक हिंदू पुजारी के बारे में खबर थी.

28 जून यानी सोमवार को Yaron Steinbuch द्वारा लिखित और प्रकाशित एक लेख में, एनवाईपी ने लिखा ,“तीसरी शादी की चाहत करने पर भारतीय प्रीस्ट की पत्नी ने उसके गुप्तांग को काट डाला”. हेडलाइन में भी ‘प्रीस्ट’ का यही कीवर्ड इस्तेमाल किया गया था. लेकिन, लेख ने बाद में स्पष्ट किया कि वह व्यक्ति एक ‘मौलवी’ था. जिसकी पहचान 57 वर्षीय मौलवी वकील अहमद के रूप में की गई थी. शायद न्यू यॉर्क पोस्ट को इस बात का पता नहीं है कि, हिंदू धर्म में शादी एक पवित्र बंधन है और केवल एक ही महिला के साथ संभव है.

बात इतने पर ही नहीं रुके पाठकों के मन में उस व्यक्ति की धार्मिक संबद्धता के बारे में भ्रम पैदा करने के लिए एन वाय पी ने एक हिंदू साधु की तस्वीर का इस्तेमाल किया जो हाथ में दिया लिए गले में रुद्राक्ष माला पहने और अपने शरीर पर भभूत लगाए खड़ा है. इस फोटो के कैप्शन में, प्रकाशित हिंदू पुजारी को ‘मौलवी’ लिखा गया है. इससे यह स्पष्ट होता है कि अमेरिकी अखबार अपने पाठकों के मन में हिंदू धर्म के प्रति हीन भावना का बीज बोना चाहता था. हिंदू पुजारी की फोटो एक साजिश एक तहत इस्तेमाल किया गया था, ताकि पाठकों के मन में पुजारी तस्वीर छप जाए.

गौरतलब है कि नेटिज़न्स द्वारा फटकार लगाए जाने पर, NYP ने तुरंत चित्रित छवि को हटा दिया और उसे पुलिस वैन से जुड़ी फोटो के साथ बदल दिया. पोस्ट में हिंदू पुजारी की फोटो हटाकर मुस्लिम मौलवी की फोटो लगाने की बजाय पुलिस वैन की फोटो लगा दी जिसका कोई भी तुक नहीं बनता है इन सब स्थितियों से यह साबित होता है कि न्यूयॉर्क पोस्ट ने जानबूझकर यह गलती की थी ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदुओं को नीचा दिखाया जा सके और दूसरे समुदाय को बदनामी से बचाया जा सके.

गौरतलब है कि यह पहली दफा नहीं है जब किसी अंग्रेजी समाचार पत्र ने सनातन धर्म के खिलाफ छेड़छाड़ किया हो. दुनियाभर अथवा भारत के वामपंथी मीडिया के लिए हिंदुओं को टारगेट करना सबसे ज्यादा आसान हो गया है. हाल ही में प्रयागराज घाट पर सब दफन के मामले को ही देख लीजिए. आज दुनिया भर में मोदी सरकार के विरोधियों की कोई कमी नहीं है. ऐसे में मोदी सरकार पर निशाना साधने के बहाने यह वामपंथी मीडिया सनातन धर्म और इसकी संस्कृति को नीचा दिखाने में कोई भी कसर नहीं छोड़ती है.

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