बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Yadav) अपने चुटकुले और मजाकिया अंदाज के लिए दुनिया भर में जाने जाते हैं. लालू अपने अनोखे अंदाज में विरोधियों विरोधियों को जवाब देते हैं. कई बार तो लालू यादव ने के मजाकिया भाषण की वजह से उनके विरोधी भी अपनी हंसी रोक नहीं पाते.
लालू यादव बचपन से ही मजाकिया मिजाज के रहे हैं. वह शुरू से ही अपने गांव में अपनी टोली के नेता हुआ करते थे. दरअसल साल 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान समाचार वेबसाइट द लल्लनटॉप बिहार के गोपालगंज जिले में स्थित लालू प्रसाद यादव के पैतृक गांव फुलवरिया के लोगों से बातचीत की थी. इस दौरान ग्रामीणों ने बताया था कि लालू यादव शुरू से ही खूब हंसी मजाक किया करते थे. लोगों ने उनके बारे में यह भी बताया कि उनमें नेतागिरी के गुण शुरू से ही मौजूद थे.
इसी दौरान गांव वालों ने उनसे जुड़ी एक कहानी भी बताएं ग्रामीणों ने कहा कि लालू यादव भैंस चराया करते थे. तो एक दिन एक हींग बेचने वाला एक व्यापारी उनके पास आया तो उन्होंने व्यापारी से ही खरीद कर कुएं में गिरा दिया. क्योंकि उन दिनों उनके गांव के कुएं में कीड़े लग जाते थे. जब हींग वाले ने घास लालू प्रसाद यादव से पैसा मांगना शुरू किया तो उसे लेकर गांव के मुखिया के पास चले गए. उन्होंने मुखिया से ही का पैसा देने को कहा. मुखिया ने व्यापारी को पैसे दे दिए, लेकिन पैसे थोड़े कम पड़ गए. इसके बाद लालू यादव ने पैसों के लिए चंदा इकट्ठा किया और भुगतान किया.
लालू प्रसाद यादव संसद में काफी गंभीर विषय पर चर्चा के दौरान भी अपने मजाकिया अंदाज में विपक्षी नेताओं को निशाने पर लेने के लिए मशहूर हैं. उन्होंने एफडीआई (FDI) पर चर्चा के दौरान भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी (Murli Manohar Joshi) को निशाने पर लेते हुए कहा था कि मैं विदेशी की बात करने वाले भाजपा के नेताओं से जानना चाहता हूं कितने की घड़ी पहने हैं? इस बात पर वहां मौजूद सभी सदस्य अपनी हंसी रोक नहीं पाया मुरली मनोहर जोशी ने घड़ी दिखाने को कहा इसके बाद लालू यादव ने अपनी कलाई दिखाते हुए कहा कि हमारे पास तो है ही नहीं. इस जवाब को सुनकर सदन मेटा आंखों की गूंज उठी उठे लालू यादव ने लोकसभा अध्यक्ष से कहा कि मैं कोई सेलफोन नहीं रखता हूं यह छाती पर रखते हैं और टेलीफोन ऑफ आता है तो 100 मीटर की दौड़ लगाते भागते हैं.