2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर अब काफी कम समय रह गया है. सबसे ज्यादा विधानसभा सीटों वाला राज्य होने की वजह से अभी से ही उत्तर प्रदेश में चुनाव की तैयारियां जोरों-शोरों से हो चुकी हैं रही हैं. राज्य में जहां नेताओं के दल-बदलने का सिलसिला शुरू हो चुका है, वहीं कुछ नए गठबंधन और कुछ नए समीकरण बनने के आसार भी हैं.
इसी बीच खबर आई है कि उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी (BSP) में टूट शुरू हो चुकी है. सूत्रों के हवाले से यह मालूम चला है कि बसपा से निष्कासित नेताओं ने समाजवादी पार्टी (SP) के अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की है. दिलचस्प बात यह है कि पिछले 4 सालों में बसपा प्रमुख मायावती (Mayawati) ने पार्टी के 18 विधायकों में से 11 विधायकों को बाहर निकाला है. पिछले हफ्ते ही बसपा ने 2 विधायकों पर पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाते हुए उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया.
गौरतलब है कि बसपा से निकाले गए दो विधायक भारतीय जनता पार्टी से भी संपर्क साध रहे हैं यह दो विधायक राम अचल राजभर और लालजी वर्मा है.
जानकारी के अनुसार अगर बसपा से निकाले गए नेता समाजवादी पार्टी के साथ जाते हैं तो अखिलेश यादव को मनोवैज्ञानिक बढ़त मिल सकती है. आपको बता दें कि बसपा उत्तर प्रदेश की ऐसी राजनीतिक पार्टी है जिसके 61 फ़ीसदी विधायक पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में पार्टी से पहले ही निष्कासित किए जा चुके हैं.
वहीं समाजवादी पार्टी के साथ जाने के अलावा विधायक विधायकों के पास दूसरा विकल्प नया राजनीतिक दल बनाना है. उनका कहना है कि हमारे पास एक विधायक की कमी है. अगर मुमकिन हो पाया तो हम अपने अपना एक अलग ही राजनीतिक दल बना सकते हैं.