मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की तेलंगाना इकाई ने पीडीपी की प्रमुख महबूबा मुक्ति के इस बयान की आलोचना की है कि भारत को कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए पाकिस्तान से बातचीत करने चाहिए! राष्ट्रीय मुस्लिम मंच का कहना है कि महबूबा मुक्ति का यह बयान राष्ट्रीय अखंडता एवं एकता के खिलाफ है! वहीं उन्होंने कहा है कि अनुच्छेद 370 एवं 35a के तहत जम्मू कश्मीर विशेष दर्जा अस्थाई था और इसी निष्प्रभावी बना कर मोदी सरकार ने सही कदम उठाया है!
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के तेलंगाना संयोजक एम ऐ सत्तर ने कहा कि उन्होंने यानी की महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि उनकी विशेष दर्जा दिया गया है और यह गलती है तथा अवैध एवं असंवैधानिक कृत्य है! जम्मू-कश्मीर में तब तक शांति नहीं आएगी जब तक 370 को फिर से बाहर नहीं किया जाता है! उन्होंने जम्मू कश्मीर के संबंध में पाकिस्तान को भी शामिल करने का मुद्दा उठा दिया! राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संबंध मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने एक विज्ञप्ति में दावा किया है कि नेशनल कांफ्रेंस सीपीएम जैसे गठबंधन एक अन्य घटक दलों एवं कांग्रेस के अनुच्छेद 370 पर महबूबा की राय का समर्थन किया है! उनसे कहा है कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच का मत है कि इन दलों के नेताओं का बयान राष्ट्रीय अखंडता एवं एकता के विरुद्ध हैं!
अनुच्छेद 370 एवं 35a के तहत जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जी को स्थाई करार देते हुए मुस्लिम राष्ट्रीय मंच का कहना है कि मोदी सरकार ने इस विभाजन कारी एवं स्थाई प्रावधान को निष्प्रभावी बना कर बिल्कुल सही कदम उठाया है मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने केंद्र से किसी भी राजनीतिक दलों के ऐसे सुझाव एवं मांगों पर कती विचार नहीं करने की भी अपील की है! उसने दावा किया है कि उसने अनुच्छेद 370 एवं 35a के विरुद्ध हस्ताक्षर अभियान चलाया था एवं कश्मीर के 17000 से अधिक हस्ताक्षर समेत मुसलमानों के साढ़े आठ लाख हस्ताक्षर जुटाए थे और नीचे दो को निरीक्षण की मांग करते हुए तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को ज्ञापन सौंपा!