बीते बिहार विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन करने वाले एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने अब अपना रुख उत्तर प्रदेश की ओर किया है. जिसकी वजह से शिवपाल यादव और असदुद्दीन ओवैसी के बीच गठबंधन की चर्चा से पूरा सियासी माहौल गरमा गया है. दूसरी ओर एसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अभी अपने सारे पत्ते नहीं खोले हैं. गौरतलब है कि भतीजी की शादी में मुलायम सिंह का पूरा परिवार एक साथ नजर तो आया था. लेकिन इस दौरान कोई भी सियासी हलचल की बात नहीं देखने को मिली.
बीजेपी को किसी भी हाल में हटाना है
गौरतलब है कि पीएसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) बीते मंगलवार को एक शादी के समारोह में शामिल हुए थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि बीजेपी को हराने के लिए सभी समान विचारधारा वाले दलों को एकजुट होने का समय आ गया है. अब विधानसभा चुनाव के लिए बहुत कम समय बचा है. उत्तर प्रदेश में बीजेपी को हटाने के लिए हमें मिलकर चुनावी रणनीति तैयार करनी पड़ेगी.
एक बूथ 15 यूथ
पीएसपी की तैयारियां बूथ स्तर पर हो रही है.’एक बूथ 15 यूथ’ की रणनीति पर पीएसपी अपना काम कर रही है. पीएसपी एक बूथ पर ऐसे प्रभावशाली 15 युद्ध को तैनात करेगी जो वोटरों को जोड़ने का काम करेंगे. सरकार की जनविरोधी नीतियों से भी मतदाताओं को वह अवगत कराएंगे. शिवपाल सिंह यादव अपने कार्यकर्ताओं को मनमुटाव छोड़कर पार्टी के लिए तैयारी करने का संदेश दे रहे हैं.
गठबंधन से किस से नुकसान
ध्यान देने वाली बात यह है कि विधानसभा चुनाव में यदि पीएसपी और एआईएमआईएम (AIMIM) के बीच गठबंधन हो जाता है तो सबसे ज्यादा नुकसान एसपी (SP) और कांग्रेस पार्टी को उठाना पड़ेगा. एआईएमआईएम ने बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी कांग्रेस गठबंधन को भी भारी नुकसान का सामना कराया था. एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने प्रदेश में अपने कार्यकर्ताओं से चुनावी तैयारियों में जुट जाने का पहले ही संदेश दे दिया है. तो वहीं दूसरी ओर प्रदेश के मुस्लिम वोटर ओवैसी से काफी प्रभावित नजर आ रहे हैं. अब देखना यह है कि आने वाले चुनाव में ऊंट किस तरफ करवट लेगा.