भारत और नेपाल के पर्यटन को जोड़ने में अयोध्या और कानपुर की महत्वपूर्ण भूमिका होने जा रही है. जब से अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हुई है तब से जनकपुर की भी चर्चा काफी तेज हो गई .है यह जनकपुर नेपाल के अंदर आता है. इस बीच राम भक्तों के लिए जल्दी एक और बड़ी खुशखबरी आने वाली है. अब राम भक्त सीधा अयोध्या से जनकपुर की यात्रा मिनटों में ही तय कर पाएंगे. भारत सरकार के अथक प्रयासों की बदौलत अब अयोध्या से जनकपुर की सीधी हवाई यात्रा की जा सकती है. जिससे कि अब घंटों के बजाय सिर्फ चंद मिनटों में ही लोग अयोध्या से जनकपुर पहुंच जाएंगे. यह प्रोजेक्ट कुछ दिनों में शुरू होने वाला है.
गौरतलब है कि शनिवार को नेपाल के पर्यटन मंत्री उमाशंकर अरगरियाले ने जनकपुर में बने हवाई अड्डे का निरीक्षण किया और यहां पर चल रहे विकास कार्यों का जायजा लिया. सूत्रों के अनुसार अगर सब कुछ ठीक रहा तो यह प्रोजेक्ट कुछ ही दिनों में अयोध्या से जनकपुर के लिए सीधे तौर पर हवाई सेवा के रूप में शुरू हो जाएंगे. जिससे कि राम भक्त भगवान श्री राम के घर के साथ-साथ माता से सीता का भी दर्शन काफी आसानी से करने पाएंगे.
नेपाल से भारत के रिश्ते
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पिछले कुछ दिनों से जिस तरीके से भारत और नेपाल के रिश्ते में तनाव आया था. उससे यह लग रहा था कि चीजें इतनी जल्दी सामान्य नहीं होंगी. लेकिन फिर इन दोनों देशों ने अपना सकारात्मक पहलू सामने करते हुए रिश्तो में नरमी दिखाई और लगातार दोनों ही देशों की सरकारों की तरफ से संबंधों में पहले की तरह समानता लाने के प्रयास किए जा रहे हैं. जिसमें अयोध्या से जनकपुर की हवाई सेवा एक निर्णायक भूमिका निभा सकती है.
ध्यान देने वाली बात यह है कि भारत और नेपाल के बीच संबंध को बेटी रोटी का संबंध कहा जाता है. सिर्फ संबंधी नहीं संबंध ही नहीं भारत और नेपाल की सीमा भी आपस में मिलती जुलती है. इसके साथ साथ ही भाषा है. नेपाल में भी बोली जाती है तो वही नेपाली भाषा भारत के कई राज्यों में बोली जाती हैं. भारत और नेपाल का संबंध पड़ोसी का ही नहीं,भाई-भाई का भी है. भारत में जो परंपराएं रीति-रिवाज चलती हैं, वह परंपरा और रीति-रिवाज अपनाई जाती हैं. इन चीजों का ध्यान रखते हुए दोनों ही देशों ने अपने रिश्तो में सुधार लाने के बेहतर प्रयास किए हैं.