उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व IAS अरविंद कुमाश शर्मा (Arvind Kumar Sharma) को बड़ी जिम्मेदारी दी है. उन्हें पार्टी का उत्तर प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया है. माना जा रहा है कि भाजपा ने एक तय रणनीति के तहत उन्हें यह जिम्मेदारी दी है. उनके अलावा अर्चना मिश्रा और अमित वाल्मीकि को प्रदेश मंत्री बनाया गया है.
मालूम हो कि गुजरात कैडर के 1988 बैच के आईएएस एके शर्मा (AK Sharma) को 14 जनवरी 2021 उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह और उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने बीजेपी (BJP) की सदस्यता दिलाई थी. क्योंकि अरविंद कुमार शर्मा पीएम नरेंद्र मोदी के नजदीकी लोगों में शुमार रहे हैं और वह एकाएक वीआरएस लेकर यूपी में एमएलसी चुनाव के बीच बीजेपी से जुड़े.
फिर वे विधान परिषद के सदस्य बनाए गए. ऐसे में उनकी दूसरी बड़ी भूमिकाओं तक के कयास लगने लगे. घटनाक्रम के बाद संगठन से लेकर सरकार तक कुछ बड़े चेहरों की धड़कनें बढ़ गई थीं, लेकिन प्रदेश उपाध्यक्ष बनाए जाने के बाद अंदरखाने की राजनीतिक उथलपुथल के दौर में नेताओं के बीच थोड़ी राहत महसूस होगी.
पूर्वांचल की संभाली थी कमान
गौरतलब है कि कोरोना काल में जब संक्रमण बढ़ रहा था तब लोगों के बीच ऑक्सीजन को लेकर हाहाकार मचा था. तब एके शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में जिम्मेदारी पूर्वक अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया था. बाद में उन्होंने पूरे पूर्वांचल की कमान संभाली थी. बनारस की बैठक के दौरान जब पीएम मोदी वर्चुअल बैठक ले रहे थे तो उन्होंने एमएलसी और पूर्व ब्यूरोक्रेट की जमकर तारीफ भी की थी. उसके बाद एक बार फिर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया था. हालांकि विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. ऐसे मे संगठन में उनकी उपयोगिता बीजेपी के लिए आगे की राह आसान कर सकती है.
कौन हैं अरविंद शर्मा?
पॉलिटिकल साइंस में फर्स्ट क्लास से मास्टर डिग्री प्राप्त ब्यूरोक्रेट का जन्म उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में 11अप्रैल 1962 को हुआ था. वह भूमिहार ब्राह्मण समुदाय से आते हैं. इलाहाबाद विश्वविद्यालय के विद्यार्थी रहे अरविंद 1988 बैच के गुजरात कैडर के आईएएस रहे हैं. उन्होंने 2001 से लेकर 2013 तक गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी के साथ काम किया है. जब नरेंद्र मोदी पीएम बने तो वो अपने साथ अरविंद कुमार शर्मा को पीएमओ लेकर आ गए.
2014 में वह पीएमओ में संयुक्त सचिव के पद पर रहे. उसके बाद प्रमोशन पाकर सचिव बने थे. लॉकडाउन के बाद मुश्किल समय में पीएम मोदी ने अरविंद शर्मा पर एक बार फिर से विश्वास जताते हुए उन्हें सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रम (एमएसएमई) मंत्रालय में सचिव के पद पर भेजा था.