पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस को छोड़कर भाजपा में शामिल हुए काफी सारे विधायक तृणमूल की जीत के बाद पुनः ममता दीदी की सरकार में शामिल हो रहे हैं. मुकुल राय के टीएमसी में शामिल होने के बाद उनके काफी सारे सहयोगी विधायक भी अब टीएमसी (TMC) में शामिल होने की जद्दोजहद कर रहे हैं.
मुकुल राय के सहयोगी और 24 परगना जिला परिषद के सदस्य रतन घोष ने रविवार को भाजपा भाजपा खेमा छोड़ दिया है. सूत्रों के मुताबिक उनके करीबियों का कहना है कि उन्हें भाजपा में सम्मान नहीं मिल रहा था. घोष ने कहा कि,’ मैंने पार्टी छोड़ दी है. बीजेपी की विचारधारा और काम करने का तरीका काफी अलग है. मैं वहां नहीं रह सका और मैंने टीएमसी नेतृत्व से मुझे पार्टी में वापस लेने की अपील की है.’
तो वही टीएमसी के पूर्व विधायक और राज्य भाजपा के अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष दुलाल बार, रॉय के भाजपा के छोड़ने का समर्थन किया है. उन्होंने अपने बयान में कहा कि,’ उन्होंने सही फैसला लिया है. वह भाजपा में नहीं रह सकते क्योंकि उनका सम्मान नहीं मिल रहा था.अगर वह पार्टी में काम नहीं कर सकते तो उन्हें छोड़ने का पूरा अधिकार है. मैं उनकी मुझे भी यहां पर सम्मान नहीं मिल रहा है इसलिए मैं आने वाले समय में अपना भविष्य तय करूंगा.’
मुकुल राय (Mukul Roy) के भाजपा छोड़कर जाने पर उनके पूर्व सहयोगी शुभेंदु अधिकारी में उन पर दल बदल कानून के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में वह दल बदल कानून लागू करेंगे.
नियम के अनुसार अगर किसी विधायक को पार्टी बदलनी है तो सबसे पहले विधायक को अपनी पुरानी पार्टी से इस्तीफा देना होता है और विधायक का पद भी छोड़ना होता है. इसी बात का जिक्र करते हुए शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि आज तक यह कानून पश्चिम बंगाल में लागू नहीं हुआ है लेकिन वह इसे लागू करवा कर ही दम लेंगे.