खबर आई है कि लोक जनशक्ति पार्टी के 6 में से 5 सांसदों ने पार्टी प्रमुख और सांसद चिराग पासवान के खिलाफ विद्रोह छेड़ दिया है. वही वही रामविलास पासवान के छोटे भाई पशुपतिनाथ पारस को संसदीय दल का नया नेता बनाया गया है. इसकी जानकारी सांसदों ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिख कर दी है.
सूत्रों के अनुसार के सभी सांसद इंडिया से बाहर निकलकर विधानसभा चुनाव लड़ने के फैसले से नाराज चल रहे थे. पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी के बेहद खराब प्रदर्शन के बाद लोजपा में चिराग के विरोधी और भी ज्यादा मजबूत हो गया. जितने भी बागी सांसद हैं उन्होंने ओम बिरला (Om Birla) को पत्र लिखकर नेता को बदलने की मांग की है. इन बागी सांसदों में रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) के भतीजे प्रिंस कुमार (Prience Kumar), नवादा के सांसद चंदन कुमार (Chandan Kumar), वैशाली की संसद वीणा देवी (Vina Devi), खगड़िया के संसद महबूब अली कैसर (Mahboob Ali Kaishar) तथा हाजीपुर के सांसद स्वयं पशुपतिनाथ पारस (Pasupatinath Paras) शामिल है.
रिपोर्ट के अनुसार लोजपा में टूट के पीछे जनता दल यूनाइटेड की काफी अहम भूमिका बताई जा रही हैं. गौरतलब है कि 2020 के विधानसभा चुनाव में लोजपा ने जनता दल यूनाइटेड के खिलाफ सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे जिसके कारण पार्टी को उस चुनाव में काफी नुकसान उठाना पड़ा था. उसी चुनाव में चिराग पासवान ने नीतीश कुमार पर काफी तीखा हमला किया था.जिसका खामियाजा उन्हें और उनकी पार्टी को भुगतना पड़ा था. ऐसी स्थिति की वजह से उनके अपने सांसद भी उनसे बैर खाए हुए हैं.
नियम यह कहता है कि अगर कोई भी राजनीतिक दल के सांसद अपनी दो तिहाई सदस्य अलग करके एक अलग गुट बना लेते हैं तो वह दल बदल के दायरे से बाहर हो जाते हैं. ऐसी स्थिति में वह किसी भी दल में बिना किसी परेशानी के विधायक कर सकते हैं.