कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के करीबी माने जाने वाले जितिन प्रसाद (Jitan Prasad) ने कांग्रेस का साथ छोड़कर गुरुवार को भाजपा ने जाने का भरोसा जताया है. अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया (Times of India) को इंटरव्यू देते हुए उन्होंने उन कारणों पर चर्चा की जिनकी वजह से वह कांग्रेस छोड़ने को मजबूर हुए.
इस दौरान एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि,’ हम राजनीति और पार्टी को जनता और अपने लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए चुनने का काम करते हैं. मैं यह काम कांग्रेस में रहकर नहीं कर सकता रहा था. मैं अपने को खुशकिस्मत मानता हूं कि मुझे विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी का हिस्सा होने का अवसर प्राप्त हुआ. मैं लंबे वक्त से महसूस कर रहा था कि मैं लोगों की सेवा नहीं कर पा रहा हूं.’
कांग्रेस के रिवाइवल पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर में कुछ भी नहीं कहना चाहता हूं. मैंने भाजपा का दामन थाम लिया है, ताकि मैं इस पार्टी के लिए मन से काम कर सकूं. मैंने पहले भी कहा कि हमारा परिवार तीन पीढ़ियों से कांग्रेस पार्टी का हिस्सा रहा है और मैंने भाजपा में जाने का निर्णय अचानक ही नहीं ले लिया है. मैंने एक लंबे समय तक सारा विचार करने के बाद ही यह फैसला लिया है. यह जरूर है कि काफी समय से मेरे दिमाग में यह बात थी कि मैं लोगों के लिए वह नहीं कर पा रहा जो मुझे उनके लिए करने की जरूरत है.’
मुख्यमंत्री योगी से मुलाकात के ऊपर सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मैं अभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की. मैं जल्दी ही पार्टी के और अन्य नेताओं से मुलाकात करूंगा और उनसे आशीर्वाद लूंगा.
कांग्रेस में आपसी फूट
गौर करने वाली बात यह है कि जितिन प्रसाद ने एक एस्से नाजुक स्थिति में कांग्रेस का साथ छोड़ने की बात कही है जब पार्टी की पंजाब में राजस्थान इकाइयों में कलह है और छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों की इकाइयों में गुटबाजी सीधे तौर पर नजर आ रही है. जितिन प्रसाद का जाना कांग्रेस के लिए काफी क्षति पहुंचा सकता है.
राहुल गांधी को झटका
जितिन प्रसाद के कांग्रेस छोड़ने से एक बार फिर से कांग्रेस में कई युवा नेताओं की नाराजगी और पार्टी बदलने की रणनीति की अटकलों को हवा देती दिख रही है. सचिन पायलट और मिलिंद देवड़ा के बाद जितिन प्रसाद ने भी उनकी पार्टी छोड़ दी है. इसके बाद अगर और किसी से भी पार्टी छोड़ने की बात सोची भी तो यह कांग्रेस के लिए जोरदार झटका साबित हो सकता है. इससे पहले ज्योतिराज सिंधिया भी भाजपा में शामिल हो चुके हैं.