महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने हाल ही में मराठा आरक्षण को लेकर प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की. पीएम और सीएम की मीटिंग के बाद महाराष्ट्र में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. तो इसी पर आज राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) सुप्रीमो और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार पार्टी के 22वे स्थापना दिवस पर उद्धव ठाकरे को बालासाहेब राज ठाकरे की याद दिलाई.
इस दौरान उन्होंने कहा कि,’ 1970 में जब पूरा राजनीतिक परिस्थिति इंदिरा गांधी के खिलाफ था, एक व्यक्ति था जो उनके साथ खड़ा था. और वह थे बाल ठाकरे. उन्होंने उनसे वादा किया कि वह उनकी पार्टी के खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं उतारेंगे और वह अपनी बात पर कायम रहे. इसी तरह सत्ता में शिवसेना हमारे साथ हैं. जो लोग उस बैठक के बाद शिवसेना के रूप में बदलाव कर सवाल उठा रहे हैं वे लोग अलग जन्नत में रह रहे हैं.’
आगे उन्होंने बयान दिया कि,’ठाकरे मोदी की मुलाकात के बाद बातचीत के बावजूद हमें विश्वास है कि हमारी सरकार 5 साल तक चलेगी. हम आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भी लोगों की बेहतरी के लिए काम करना जारी रखेंगे.’ गौरतलब है कि बैठक के बाद शरद पवार की पहली प्रतिक्रिया थी. अब इस बयान को उद्धव ठाकरे किस तरह लेंगे यह पूरी तरह से उन पर निर्भर करता है.
राजनीतिक संबंधों की परवाह किए बिना व्यक्तिगत संबंधों को महत्व दिया है; शिवसेना
बीते बुधवार को शिवसेना ने कहा कि उसने राजनीतिक संबंधों की परवाह किए बगैर ही हमेशा व्यक्तिगत संबंधों को ज्यादा महत्व दिया है और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे तथा प्रधानमंत्री मोदी के बीच मंगलवार की मुलाकात व्यक्तिगत संबंधों के साथ-साथ प्रोटोकॉल का भी हिस्सा रही थी. उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री के साथ अपने मीटिंग को लेकर कहा कि यह कहीं से भी गलत बात नहीं है. आगे उन्होंने मजाकिया लहजे में कह दिया कि वह देश के प्रधानमंत्री के साथ मिलने गए थे ना कि नवाज शरीफ के साथ.