2022 में होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह से जुट गई है. इसके लिए केंद्र सरकार ने भी राज्य सरकार का राजनीतिक लेखा-जोखा लेना शुरू कर दिया है. इन हलचलो के बीच या खबर आई है कि केंद्रीय नेतृत्व यूपी चुनाव में सीएम योगी आदित्यनाथ का चेहरा बदलने या पीछे रख कर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. इस पर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. हालांकि कांग्रेस के समर्थक आचार्य प्रमोद ने यह साफ कर दिया है कि मोदी कभी भी हिंदुत्व के चेहरे योगी आदित्यनाथ को हटाने की गलती नहीं करेंगे.
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब आचार्य प्रमोद कृष्णम (Acharya Pramod Krishnam) ने कांग्रेस समर्थक होने के बावजूद इस तरह का बयान दिया है. इससे पहले उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर पार्टी की कार्यशैली इसी तरह से चलती है तो 2024 में भी उसे जीत नसीब नहीं होगी. इसके साथ-साथ उन्होंने कहा कांग्रेस को मुस्लिम पार्टी घोषित करने में जुटे हैं और दुर्भाग्य यह है कि कांग्रेस उसे राह में आगे बढ़ रही है.
संघ के साथ-साथ कई वरिष्ठ नेताओं की बैठक
आगामी चुनाव को देखते हुए संघ के कई बड़े नेता ने यूपी का कई बार दौरा किया. इस दौरान उन्होंने लखनऊ, दिल्ली और प्रधानमंत्री मोदी के आवास पर भी बैठेके की और कई तरह के फैसले लिए. गौरतलब है कि भाजपा की छवि को इस कोरोना काल में सर्वाधिक क्षति पहुंची है जिसके लिए भाजपा चिंतित है. वह जमीनी हकीकत जानने के लिए एक के बाद एक दूसरा पर्यवेक्षक लखनऊ भेज रही है.
यूपी में पहले जमीनी हकीकत जानने के लिए संघ में नंबर दो की हैसियत रखने वाले दत्तात्रेय फ होशबोले आए थे. राष्ट्रीय महासचिव बीएएल संतोष और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राधामोहन सिंह एक साथ पहुंचे. इन्होंने एक दो नहीं पूरे 3 दिन तक मंत्रियों, अधिकारियों और असंतुष्ट विधायकों से मुलाकात की और उनसे बात किया. माना जा रहा है कि संतोष राधा मोहन यूपी की स्थिति पर अपनी रिपोर्ट भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को सौंपेंगे. इसके बाद संगठन में कुछ बदलाव हो सकता है.