पिछले साल के अंत सरकार ने तीन कृषि कानून (Farm Bill) लाए थे. जिस का विरोध किसानों द्वारा अब तक जारी है. इस मुद्दे पर अब भाजपा नेता (BJP Leader) ने ही केंद्र सरकार से सवाल पूछना शुरू कर दिया है. पंजाब भाजपा के सीनियर नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री अनिल जोशी ने अपनी ही पार्टी पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि पार्टी इसका हल निकाल ले. नहीं तो इसे 2022 के विधानसभा चुनाव में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.
मीडिया को अपना इंटरव्यू देते हुए उन्होंने कहा कि,’ अभी भी कुछ भी नहीं बिगड़ा है. अगर भाजपा ने अभी भी इस अवसर का लाभ नहीं उठाया तो पार्टी को 2022 के चुनाव में इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा. साथ ही उन्होंने कहा कि पंजाब भाजपा के 15 दिनों के भीतर किसानों को लेकर अपने रुख को स्पष्ट करें. अभी हाल ही में संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से अनिल जोशी (Anil Joshi) के मॉल का घेराव किया था.
ध्यान देने वाली बात यह है कि किसानों ने शनिवार को पंजाब और हरियाणा में कई भाजपा नेताओं के आवास के आसपास और कई अन्य जगहों पर प्रतियां जलाई. गौरतलब है कि पिछले साल कृषि कानूनों के नियम लागू होने के दिन को किसान ‘ संपूर्ण क्रांति दिवस ‘ के तौर पर मनाया. काला झंडा थामे किसानों ने इन कानूनों को वापस नहीं लिए जाने को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ काफी ज्यादा नारेबाजी की और इन कानूनों से कृषक समुदाय के बर्बाद हो जाने की बात कही.
इस प्रदर्शन को रोकने के लिए और कानून व्यवस्था बनाने के लिए पुलिसकर्मियों की काफी जगह तैनाती की गई थी और बैरिकेड लगाए गए थे. विभिन्न किसान संगठन संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में कृषि कानूनों के खिलाफ अभी तक आंदोलन कर रहे हैं.
गौरतलब है कि 3 नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन पिछले लगाओ 8 महीने से लगातार जारी है. पिछले कई महीनों से किसान दिल्ली बॉर्डर पर धरना दिए हुए हैं. 11 दौर की वार्ता के बाद भी दोनों पक्षों के बीच कोई मजबूत हल नहीं निकल पाया है. 11 दौर की वार्ता के बाद अब सरकार और किसानों के बीच डेट लॉक जारी हो चुका है. दोनों ही पक्षों के बीच अंतिम वार्ता 22 जनवरी को हुई थी.