उत्तर प्रदेश में जैसे-जैसे 2022 विधानसभा चुनाव नजदीक आ रही है, वैसे वैसे सारी राजनीतिक पार्टियां अपनी फील्डिंग सजाने में व्यस्त हो चुकी हैं. आगामी चुनाव में समाजवादी पार्टी एक बड़ी पार्टी के रूप में उभर कर आ सकती है. इसलिए आने वाले चुनाव को ध्यान में रखते हुए समाजवादी पार्टी नई रणनीति अपनाने के लिए अपने थिंक टैंक के साथ बीते कुछ दिनों से लगातार कई बैठकें और चर्चाएं कर चुकी है.
रिपोर्ट के मुताबिक समाजवादी पार्टी इस बार उत्तर प्रदेश में वही दांवपेच खेलने के मूड में है जो भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिम बंगाल में बीते विधानसभा चुनाव के दौरान खेला था. यानी अब उन सारे पार्टियों के लिए दरवाजे खुले हैं जो समाजवादी पार्टी की विचारधारा से मेल खाते हैं. कई सारे राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने अखिलेश यादव से संपर्क बना रखा है.
भाजपा की अंदरूनी फूट से समाजवादी पार्टी फायदा उठाने के मूड में
जानकारी के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी के कई नेता और कई विधायक अंदरूनी तौर पर सरकार से और व्यवस्था से नाराज चल रहे हैं. इस बात की जानकारी जिम्मेदार पार्टी के पदाधिकारियों के साथ-साथ संघ के नेताओं को भी है. समाजवादी पार्टी से जुड़े और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के करीबी नेताओं का कहना है कि निश्चित तौर पर ऐसे नेता जो बीजेपी में खुद को असहज महसूस करते हैं और उनकी विचारधारा समाजवादी पार्टी से मेल खाती है उन सभी का हम स्वागत करते हैं.
कई बीजेपी विधायक के संपर्क में रहने की बात कही
समाजवादी पार्टी के नेताओं ने अपने बयान में कहा है कि बीजेपी के कई नेता और कई विधायक समाजवादी पार्टी के संपर्क में जरूर हैं. उन्होंने कहा कि ना सिर्फ भाजपा बल्कि कई अन्य पार्टियों के नेता भी हमारे संपर्क में हैं. हालांकि सारे नेताओं का उनकी पार्टी में सम्मिलित हो जाना इस बात पर संशय बना हुआ है परंतु राजनीति के संग्राम में ऊंट किस करवट बैठेगा किसी को पता नहीं रहता.
गौरतलब है कि जिस तरह से बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा ने टीएमसी खेमे में सेंध लगाई उससे तो एकबारगी ममता बनर्जी भी डर गई. इस चुनाव से सबक लेते हुए उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी भी यही मॉडल के साथ आगामी चुनाव में उतरने की पूरी तैयारी में हैं.