जैसा की आप सबको मालूम है कि रूस और यूक्रेन के बीच एक बड़ा मामला चल रहा है आखिर हर किसी के लिए हाजमी यह सवाल भी उठ रहा है कि यह लफड़ा कब तक चलेगा नहीं मामला इन दो देशों के बीच हो रहा है और महंगाई लगातार हमारे भी देश में बढ़ते जा रहे हैं ऐसी चर्चा होने के बीच आखिरकार एक अच्छी खबर भी सामने आ गई है खासकर उन लोगों के लिए जो कि पेट्रोल और डीजल भरवाने की चिंता से घबराए हुए थे!
दरअसल रूस और यूक्रेन के तनाव के चलते कच्चा तेल ऐसे भाग रहा था कि दुनिया की रफ्तार ही देनी पड़ जाएगी आशंकाएं तो यहां तो जताई जाने लग गई थी कि कच्चे तेल का भाव 300 को भी पार कर सकता है और ऐसे में देश में अगर बात की जाए तो यही पेट्रोल और डीजल डेड सो रुपए हो जाएगा और अंदाजा यह भी लगाया जा रहा है कि चुनाव खत्म होते ही 15 से ₹20 महंगा भी हो जाएगा वहीं पाकिस्तान का भी बुरा हाल होगा लेकिन चुनाव भी खत्म हो चुके हैं और अच्छी खबर भी आ गई और अब बात की जाती है तो पेट्रोल का दाम जैसा था वैसा ही बना हुआ है!
आपको बता दें कि पिछले 5 दिनों में जिस प्रकार से कच्चे तेल का भाव ऊपर की तरफ जा रहा था तो ठीक उसी प्रकार 2 दिन में वापस लौट भी रहा है वही 2 दिन में अब कीमत $139 प्रति बैरल से फिसल कर 108.7 डॉलर पर आ पहुंचा है! हालांकि इस को देखते हुए अब वह दिन भी दूर नहीं है जब यह दाम $100 प्रति बैरल से भी नीचे आ सकता है तो अब पेट्रोल और डीजल महंगा नहीं बल्कि सस्ता होने वाला है!
9 मार्च 2022 को देश की सबसे बड़ी रिफाइनरी चलाने वाली BPCL के चेयरमैन और एमडी अरुण कुमार सिंह ने कहा था कि पेट्रोल-डीजल के रेट अब बढ़ने के बजाय घटने वाले हैं. अनुमान सही था, लगातार दो दिनों से कच्चे तेल के भाव में बहुत तेजी से गिरावट आई है. एक दिन में रिकॉर्ड गिरावट आएगी, इसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी। वैश्विक संकट और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों को देखते हुए यूएई अब कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने पर सहमत हो गया है। इस खबर के तुरंत बाद ब्रेंट क्रूड वायदा का भाव एक दिन में करीब 16.84 डॉलर (13.2 फीसदी) की गिरावट के साथ 111.14 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ है. 21 अप्रैल 2020 के बाद यह एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट थी। अमेरिकी क्रूड वायदा भी 15.44 डॉलर (12.5 फीसदी) की गिरावट के बाद 108.70 डॉलर पर बंद हुआ। यह नवंबर 2021 के बाद एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट थी।
ओपेक संगठन के एक प्रमुख सदस्य संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बयान के बाद, वैश्विक बाजार में तेल की कीमतों में लगभग दो वर्षों में सबसे अधिक गिरावट आई है। यूएई ने कहा है कि हम कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने के पक्ष में हैं। ओपेक को अन्य देशों से भी कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने के लिए कहना होगा। रूस पर प्रतिबंध के बाद यह राहत भरी खबर थी। विश्व अर्थव्यवस्था को कुछ मदद मिली।
वहीं अगर अरुण कुमार सिंह की मानें तो अगले दो हफ्तों में कच्चे तेल की कीमत $100 की से भी नीचे आ सकती है और ऐसे में आम लोगों को तो घबराने की बिल्कुल भी आवश्यकता नहीं है उनका तो यह कहना था कि कच्चा तेल $90 प्रति बैरल के स्तर पर आ सकता है यदि उनका अनुमान सही साबित होता दिख भी रहा है तो क्योंकि 2 दिन में कच्चा तेल का इतना सस्ता हो जाना कि तेल कंपनियों को पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ाने की आवश्यकता ही नहीं पड़ी! वहीं अगर कच्चा तेल $90 के नीचे फिसल जाता है तो पेट्रोल डीजल महंगा नहीं बल्कि और भी सस्ता हो सकता है!