हमारे आसपास हज़ारों ऐसे लोग मिल जाएंगे जिनके पास अपनी जिंदगी में कुछ ना कर पाने के हजार बहाने हैं. पर जो जिंदगी में कुछ करना चाहते हैं उनके लिए बस एक ही कारण बहुत होती होती है. यह सफलता अटल विश्वास और दृढ़ संकल्प से पाया जा सकता है. ऐसी ही एक कहानी विशाल मेगा मार्ट के फाउंडर रामचंद्र अग्रवाल की है.
उन्होंने दिव्यांग होने के बावजूद उन्होंने अपने दृढ़ विश्वास से 1000 करोड़ से ज्यादा की कंपनी खड़ी करने में सफल हो पाए. राम चन्द्र अग्रवाल का जन्म एक आम परिवार में हुआ था. अभी राम चन्द्र अग्रवाल चलना भी नहीं सीख पाए थे कि उन्हें लकवा मार गया. घरवालों की काफी कोशिश के बावजूद भी वो अपने पैरों पर चल नहीं पाए और जीवन भर के लिए बैसाखी का सहारा लेना पड़ा.
गरीब परिवार में जन्में राम चन्द्र अग्रवाल अपनी परिस्थिति से डरे नहीं और नौकरी की तलाश में निकले. काफी हाथ-पैर मारने के बाद भी जब उन्हें नौकरी नहीं मिली तो उन्होंने अपने कुछ दोस्तों से मदद ली और कुछ पैसे उधार लेकर 1986 में दुकान खोली. यह दुकान राम चन्द्र अग्रवाल के जिंदगी में सफलता की पहली सीढ़ी थी. इसके बाद उन्होंने 1994 में पहली बार कपड़े के उद्योग में कदम रखा. यह उद्योग उनके जीवन में मिल का पत्थर साबित हुई और 2001 में उन्होंने विशाल रिटेल की नींव रखी.देखते ही देखते विशाल रिटेल बड़ा होता गया और रामचंद्र बिजनेस जगत का एक बड़ा नाम बनते गए. इसके बाद उन्होंने विशाल मेगा मार्ट (Vishal Mega Mart) की स्थापना की.
एक ऐसा भी वक़्त आया जब उनकी यह कंपनी दिवालिया हो गयी थी और रामचंद्र अग्रवाल को अपने शेयर तक बेचने पड़े जिसे श्री राम ग्रुप ने खरीदी थी. हालाँकि समय के साथ यह कंपनी फिर से खड़ी हो गयी और आज यह इंडिया की सबसे सफल कंपनी में शुमार है.