बीते रविवार को इजराइल में करीब 50 यहूदी को सिक्योरिटी का हवाला देते हुए यरुशलम के पाक जगह पर जाने की इजाजत दे दी, जहां पर पुलिस कई दिनों से किसी को जाने नहीं दे रही थी. यह वही स्थान है जहां से हिंसा बढ़ने के बाद गाजा और इजरायल के बीच लड़ाई शुरू हुई थी.
कुछ मुसलमानों ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि उन्होंने यहूदियों को तो अंदर जाने दे दिया मगर 45 साल से कम उम्र के मुसलमानों को अंदर जाने से रोक दिया. इसके अलावा जिन लोगों को अंदर जाने की इजाजत दी गई है उन मुसलमानों को अपना पहचान पत्र दरवाजे पर पुलिस को दिखाना पड़ा.
इजरायली पुलिस के तर्जुमान मिकी रोजएनफील्ड ने कहा कि,’ अल अक्सा मस्जिद को आम लोगों के सफर के लिए खोल दिया गया है. हालांकि इसकी सिक्योरिटी में काफी ज्यादा इजाफा कर दिया गया है. इस्लाम धर्म में अल अक्सा मस्जिद तीसरा सबसे पाक मुकाम माना जाता है. मुसलमानों के अलावा यहूदियों की भी बेहद पाक जहां मानी जाती है.
गौरतलब है कि 10 मई को अल अक्सा मस्जिद में फिलिस्तीनी के रात हुई झड़प के बाद इजरायल और फिलिस्तीन गुट हमास के बीच गाजा में लड़ाई शुरू हुई और लगभग 11 दिनों तक यह लड़ाई पूरे जोर-शोर से चली. इसके बाद दोनों के बीच युद्ध विराम की घोषणा हो गई