टीवी जगत की अभिनेत्री ऊर्फी जावेद आजकल कुछ ज्यादा ही सुर्खियों में रहते हैं वही वह अपने ड्रेसिंग सेंस को लेकर सोशल मीडिया पर छाई रहती हैं वहीं पिछले कुछ समय से उन्होंने बहुत ही अधिक प्रसिद्धि यानी की लोकप्रियता भी हासिल कर लेते हैं और ऐसे में सोशल मीडिया पर उनके आज के समय में काफी ज्यादा फैंस भी तैयार हो गए हैं और उनकी तस्वीरों को भी उनके फैंस के द्वारा जमकर प्यार दिया जाता है और एक बार फिर से जावेद का विषय बनी हुई है!
दरअसल पिछले दिनों ही उल्टी जावेद सरेआम मोजे से बनी ब्रा पहनी हुई दिखाई दी इसके बाद उनकी काफी आलोचना भी की गई थी हालांकि इन दिनों ऊर्फी जावेद अपने बयान को लेकर सुर्खियों में बनी हुई है वहीं उन्होंने अपनी निजी जिंदगी के काफी राज खोले हैं! दरअसल बिग बॉस से बाहर आई ऊर्फी जावेद तो सोशल मीडिया के बीच सारी बातें शेयर की और इस दौरान उन्होंने खुलासा किया था कि उनका बचपन काफी दादा मुश्किलों भरा था और वह डिप्रेशन का शिकार भी हो चुकी थी वही ऊर्फी जावेद ने खुलासा किया कि जब वह 11वीं क्लास में थी तब उनकी किसी दोस्त ने एक तस्वीर एडल्ट वेबसाइट पर शेयर कर दी थी जिसके बाद उनके परिवार के सदस्य हैं उनको गलत समझने लग गए थे और उनका साथ नहीं देते थे!
वही उर्फी जावेद ने आगे यहां तक कहा कि मुश्किल समय में मेरा साथ देने की बजाय मेरा परिवार ने मुझे ही दोषी मान लिया था मुझे बोलने तक नहीं दिया जा रहा था मेरे पिता ने मुझे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रता ड़ित किया मेरे रिश्तेदार मेरे बैंक अकाउंट की जांच करना चाहते थे! उन्हें लग रहा था कि मेरे बैंक खाते में छुपे हुए पैसे आते हैं। मैं गलत काम करती हूं। रिश्तेदार मुझे पोर्न स्टार कहकर बुलाते थे। दो साल तक मुझे घर में बंद रखा गया, बाद में घर से बाहर कर दिया गया।”
वहीं अभिनेत्री ने आगे कहा कि आस पास के लोग मेरे बारे में ऐसी-ऐसी गंदी बातें करते थे कि मुझे अपना नाम भी याद नहीं आता था। पिता मुझे मा रते-पी टते तो मैं कुछ नहीं बोल पाती, उस वक्त मेरे पास उसे झेलने के अलावा कोई विक्लप नहीं था। मेरे साथ लोग बैठते तक नहीं थे। किसी लड़की को मेरे साथ नहीं जाने दिया जाता था। इस हादसे के बाद मैंने खुद पर भरोसा किया। अपनी आवाज उठानी सीखी।”
बकौल उर्फी जावेद, “दो सालों तक मेरे साथ ये सब चलता रहा । इस टॉर्चर के कारण मैं अपना नाम तक भूल चुकी थी। मैं जिस हालातों से गुजरी हूं, भगवान ऐसे हालात किसी लड़की के सामने नहीं लाए। मेरे परिवार में लड़कियों को बोलने की आजादी नहीं थी। मुझे हमेशा ये बताया गया कि लड़कियों की आवाज नहीं होती है, केवल पुरुष जो बोलते हैं, बस उसे ही मानना होता है। मैंने दो साल तक सब झेला। जब घर छोड़ा तब मैंने बोलना सीखा। तब मुझे पता चला कि लड़कियां भी बोल सकती है।”